अतीक पहले से हैं जेल में, भाई और गैंग के सदस्यों की मुसीबत बढ़ी

पूर्व विधायक अशरफ बड़े भाई अतीक अहमद का मैनेजमेंट देखते थे। करीब 11 साल पहले शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल की जघन्य हत्या के बाद उनका नाम अपराध जगत में सामने आया। इसी के बाद वह सपा के टिकट पर इसी सीट पर विधायक भी चुने गए। बसपा के शासनकाल के दौरान उन्हें भागकर ही जान बचानी पड़ी। इस दौरान पुलिस ने उन पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया था। राजू पाल की पत्‍‌नी पूजा पाल के हाथों उन्हें चुनाव में करारी शिकस्त मिली थी। यूपी एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आ गए। इसके बाद भी उन पर गवाहों को धमकाने समेत संगीन अन्य आरोप लगे लेकिन, सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद वह खुलेआम घूमने लगे। कोई उनकी तरफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं बटोर पाता था।

बाहर भागने की तैयारी में तो नहीं

हत्या व हत्या का प्रयास, अपहरण, बलवा, मारपीट, धमकी, जबरन कब्जा समेत कई अन्य मामले में आरोपी पूर्व विधायक मो अशरफ की तलाश में पुलिस पूर्वाचल के अलावा मुम्बई, गोवा, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश की पुलिस से सम्पर्क में है। ऐसा माना जा रहा है कि अशरफ देश से बाहर जाने की फिराक में है। इसी के चलते उसकी खोजबीन तेज कर दी गई है। बता दें कि राजू पाल हत्याकांड की जांच करीब साल भर पहले सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। सीबीआई उन्हें पहले ही शहर न छोड़ने की हिदायत दे चुकी है। इस मामले में सीबीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद भी उनका गायब होना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। इसके अलावा उनके खिलाफ धूमनगंज थाने में करीब दो साल पहले जयश्री उर्फ सूरज कली और उसके बेटे को दो साल पहले गोली मारने के मामले में नामजद किया गया है। इसमें उनके भाई अतीक भी नामजद हैं। अतीक वर्तमान समय में देवरिया जेल में निरुद्ध हैं। अशरफ के खिलाफ दो मामलों में एनबीडब्ल्यू जारी है।

जितेन्द्र की हत्या में भी वांछित

पिछले साल 11 जून को सुलेम सराय में किसान नेता जितेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रिपोर्ट तत्कालीन विधायक पूजा पाल के करीबी उमेश पाल के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। सत्ता परिवर्तन के बाद इसकी जांच में अतीक और अशरफ का नाम सामने आ चुका है। इसके अलावा गैंग के सदस्य तोता, दुर्रानी, जुल्फिकार और अकरम पर भी पुलिस ने शिकंजा कस दिया है।

पूर्व विधायक के घर कुर्की की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है। उन्हें लगातार ट्रैक किया जा रहा है। पूरी कोशिश है कि जल्द ही उन्हें जेल पहुंचा दिया जाय।

-श्रीश्चन्द्र,

सीओ सिविल लाइंस

जमीन के लिए खून खराबा

2016 में इंडियन आयल चौराहे के पास जयश्री और उसके बेटे को गोली मार दी गई थी। हमले में कई अन्य लोग घायल हुए थे। मामला 24 बीघा जमीन पर कब्जे का था। सपा के शासन में दबी रही जांच एक महीना पहले नए सिरे से शुरू हुई तो पूर्व सांसद अतीक अहमद, अशरफ और कपिलदेव त्रिपाठी समेत आधा दर्जन लोगों का नाम सामने आया। अशरफ को हत्या के प्रयास का आरोपी बनाया गया। इसी के चलते इनका नाम भू माफियाओं की लिस्ट में भी दर्ज किया गया है।

गैंग लीडर और सदस्य

अतीक अहमद लीडर

अशरफ अहमद पूर्व विधायक

जुल्फिकार उर्फ तोता

एजाज अख्तर

फरहान

फैसल

आसिफ

जावेद

माजिद

(सभी धूमनगंज क्षेत्र के रहने वाले है)

19 मुकदमे दर्ज हैं कुल पूर्व विधायक अशरफ के खिलाफ

01 लाख के इनामे थे बसपा के शासनकाल के दौरान

12 हजार रुपए के इनामी हैं वर्तमान समय में

06 महीने से किसान नेता की हत्या में चल रहे हैं फरार

01 महीना पहले कोर्ट के आदेश पर घोषित किए गए थे फरारर