- पुलिस ने 12 दिनों में किया खुलासा

- सिपाही की पिस्टल सहित तीन हथियार किए बरामद

आगरा। पुलिस ने सिपाही अजय यादव की हत्या के आरोपियों को 12 दिनों में ढूंढ़ निकाला। उन्होंने 17 अप्रैल को 3 अपराधियों को गिरफ्तार करके पूरे मामले के खुलासे का दावा किया है। पुलिस ने सिपाही की सरकारी पिस्टल सहित हत्या में प्रयुक्त हथियारों को भी बरामद किया है। सिपाही की हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ रह था।

राजस्थान के निवासी हैं बदमाश

एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने आरोपियों की पूछताछ के हवाले से पत्रकारवार्ता में बताया कि रंजीत ठाकुर पुत्र प्रमोद, योगेश उर्फ खन्ना पुत्र अशोक और देवी सिंह उर्फ देवा पुत्र लायक सिंह, तीनों थाना राजाखेड़ा जिला धौलपुर, राजस्थान के निवासी हैं। ये 5 अप्रैल 2017 को शाम साढ़े सात बजे लूट के इरादे से शमसाबाद बाइपास में खड़े थे। देवा और योगेश सिगरेट पीने के लिए गए थे। अपाचे बाइक पर रंजीत खड़ा था। इसी बीच सिपाही अजय वहां से गुजरा और शक होने पर अपाचे की चाबी निकालकर रंजीत को बैठा लिया। इस दौरान देवा और खन्ना ने सिपाही को पीछे से पकड़ लिया।

राजाखेड़ा हो गए थे फरार

सिपाही ने अपराधियों की मंशा भांपते हुए सरकारी पिस्टल से फायर कर दिया, जो योगेश उर्फ खन्ना के बांये हाथ के पंजे पर लगी। इस पर बदमाशों ने सिपाही अजय को पकड़ लिया। देवा ने .32 बोर की पिस्टल से अजय के सीने में गोली दाग दी। उसकी 9 एमएम की सरकारी पिस्टल लूटकर इरादत नगर के रास्ते राजाखेड़ा भाग गए। सिपाही की हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई। पुलिस ने वहां मौजूद लोगों के साथ कई अन्य लोगों से पूछताछ की और हत्यारोपियों का स्केच तैयार किए। पुलिस सुराग के आधार पर अपराधियों के पास तक पहुंची।

हिस्ट्रीशीटर हैं तीनों बदमाश

17 अप्रैल 17 को दोपहर 1.30 बजे निबोहरा शमसाबाद रोड पर तिवरिया के पास मुठभेड़ के बाद तीनों हत्यारोपियों को हथियारों और बाइक सहित गिरफ्तार किया गया। तीनों का अपराधिक इतिहास है। इन्हें कस्टडी रिमांड में भी लिया जाएगा। इनका अन्य कौन-कौन से अपराधियों से लिंक है। इसकी भी पूछताछ की जाएगी। इन पर गैंगस्टर सहित अन्य कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस गिरफ्तारी पर डीजीपी ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपए का इनाम दिया है। वहीं आईजी ने तीनों बदमाशों पर 15-15 हजार रुपए का इनाम रखा था। इस घटना को सुलझाने में पुलिस की छह टीमें लगी हुई थीं।

बदमाशों को पुलिस का आभास हो गया था

एसएसपी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि अजय के पास सर्विस पिस्टल थी। पुलिस वाले पिस्टल को डोरी में बांधकर रखते हैं। इसे देखकर बदमाशों को अजय का पुलिस विभाग में होने का अहसास हुआ होगा। उन्होंने ये भी बताया कि अजय ने पुलिस को फोन किया।