KANPUR :

किदवईनगर में गुरूवार को पुलिस ने पैसेफिक सॉल्यूशन सेंटर में छापा मारकर फर्जी डिग्री बनाए जाने का खुलासा किया। यह गोरखधंधा कॉल सेंटर की आड़ में किया जा रहा था। पुलिस ने 8 से 10 लड़कियों को हिरासत में लेने के साथ ही फर्जी मार्कशीट और डिग्री बरामद की हैं। वहीं, सेंटर संचालक फरार हो गया। उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

 

कल्याणपुर निवासी आनंद चतुर्वेदी के पास सात महीने पहले उनके पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने उनको बिना एडमिशन लिए पालीटेक्निक, एमबीए समेत किसी भी प्रोफेशनल कोर्स की मार्कशीट और डिग्री दिलाने का झांसा दिया। उनको संपर्क करने के लिए गोविंद नगर 9 ब्लाक स्थित मैक्सवेल एजुकेशन सेंटर का पता दिया गया। वह एजुकेशन सेंटर गए तो वहां पर उनकी मुलाकात यशोदा नगर निवासी कमल गुप्ता से हुई। कमल ने भी प्रोफेशनल कोर्स की डिग्री दिलाने का झांसा दिया।

 

वैरीफिकेशन में डिग्री फर्जी निकली

आनंद ने एक लाख रुपये देकर पालीटेक्निक, बीएससी और एमबीए की मार्कशीट और डिग्री बनवाई। इसके बाद आनंद ने कल्याणपुर निवासी दोस्त अमित श्रीवास्तव की पालीटेक्निक की मार्कशीट और डिग्री बनवा दी। कमल ने उनको गुहाटी पालीटेक्निक की डिग्री दी थी। इस दौरान अमित ने रेलवे भर्ती परीक्षा पास कर ली। अमित ने आवेदन फार्म में पालीटेक्निक डिग्री लगाई थी। जब डिग्री को वैरीफिकेशन के लिए भेजा गया तो पता चला कि डिग्री फर्जी है। यह जानकर अमित के होश उड़ गए। वह पैसे वापस लेने के लिए कमल गुप्ता के एजुकेशन सेंटर गया तो पता चला कि उसने ऑफिस बदल दिया है। आनंद और अमित को दो दिन पहले पता चला कि कमल ने किदवईनगर में पैसेफिक सैल्यूशन नाम से कॉल सेंटर खोल लिया है। उन लोगों ने पुलिस को जानकारी दी तो किदवईनगर और बाबूपुरवा पुलिस ने सेंटर में छापा मारा। कमल गुप्ता वहां से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने सेंटर पर काम कर रही 8 से 10 लड़कियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस को वहां से फर्जी मार्कशीट और डिग्री मिली है। सीओ का कहना है कि कमल की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसको पकड़ लिया जाएगा।

 

कालेज से लेता था मोबाइल नंबर का डाटा

पुलिस को जांच में पता चला कि कमल लड़कियों से लोगों को फोन कराकर उनको फंसाता था। इसके लिए वह स्कूल और कॉलेज से छात्र-छात्राओं के फोन नंबर का डाटा जुटाता था। इसके बाद लड़कियां उनको फोन कर डिग्री दिलाने का झांसा सेंटर पर बुलाती थी। जहां कमल उनको मार्कशीट और डिग्री दिखाकर अपने जाल में फंसा लेता था। कमल कैश पैसा लेने की कोशिश करता था। जब कोई कैश देने को तैयार नहीं होता है तो उनसे चेक ले लेता था। कमल अपने नाम की चेक नहीं लेता था। बल्कि वह रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम की चेक लेता था। कमल ने अमित से ससुर ओमजी के नाम की चेक ली थी। ओम जी की बारादेवी में दुकान है। पुलिस उनको भी हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।

 

हर तीन महीने में ठिकाना बदल देता है

पुलिस से बचने के लिए कमल हर तीन महीने में ऑफिस बदल देता था। उसने रामादेवी और काकादेव में कॉल सेंटर खोला था, लेकिन बाद में उनको बंद कर दिया गया।

 

यूनिवर्सिटी की फर्जी वेबसाइड भी बना रखी है

कमल लोगों को असली डिग्री देने का झांसा देकर फर्जी डिग्री थमा देता था। डिग्री या मार्कशीट बनवाने वाले को कोई शक न हो। इसके लिए उसने संबंधित यूनिवर्सिटी की भर्जी वेबसाइड भी बना रखी थी। वह डिग्री बनवाने के बाद उस वेबसाइट का लिंक मोबाइल पर भेजता था। जब डिग्री बनवाने वाला उस लिंक को खोलता था तो यूनिवर्सिटी की फर्जी वेबसाइट खुल जाती थी। जिसमें डिग्री की डिटेल होती थी। इसे देखकर लोग उस पर भरोसा कर लेते थे।

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