एसटीएफ नोएडा ने लंबे समय से फरार शातिर बदमाश को दबोचा

कई जिलों में लूट, हत्या, डकैती के तीन दर्जन से अधिक केस दर्ज

आगरा। अपराध की दुनिया का सिरमौर बन चुका बर्खास्त सिपाही देवेंद्र जाट आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। थाना कागारौल से एसटीएफ नोएडा ने बर्खास्त सिपाही को दबोच लिया। वह पुलिस को कई बार गच्चा दे चुका था। उसके नाम न सिर्फ आगरा बल्कि फीरोजाबाद, मथुरा और हाथरस के अलावा पड़ोसी राज्यों राजस्थान और गुजरात आदि में कई अपराध दर्ज हैं। कई बार जेल की हवा खा चुके देवेंद्र जाट पर 50 हजार का इनाम था।

मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया

एएसपी एसटीएफ राजीव नरायण मिश्र और एसपी ग्रामीण मंशा राम ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुखबिर की सटीक सूचना पर देवे्रंद जाट को दबोचा है। सूचना मिली थी कि देवेंद्र अपने साथी विनोद के साथ कागारौल-किरावली रोड पर व्यापारी को लूटने वाले हैं। एसटीएफ ने पहले से डेरा डाल लिया। रात में देवेंद्र अपने साथी के साथ बाइक पर आया। टीम ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया। इस पर देवेंद्र ने पुलिस पर दो फायर ठोंक दिए। फिर भी टीम ने देवेंद्र को दबोच लिया, जबकि उसका साथी विनोद मौके से भाग निकला। एसटीएफ की सघन पूछताछ में देवेंद्र ने तीन दर्जन से अधिक वारदातों को कबूला है।

सिपाही से अपराधी तक यूं चला सफर

देवेंद्र जाट 10वीं पास करने के बाद 1997 में बरेली में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुआ। उसकी पहली पोस्टिंग अम्बेडकर नगर में हुई। 1998 में वह आगरा फतेहाबाद थाने में रहा। उसने वाहन चोरी की वारदात शुरु कर दी। वर्ष 2000 मुरसान मथुरा में व्यापारी से साथी दलवीर जाट के साथ तीन लाख की लूट की। दलवीर व्यापारी के यहां पर मुनीम था। इसी की मुखबिरी थी। इस मामले में वह जेल गया और निलंबित भी हुआ। 2007 में सोनभद्र से यूपी पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया। 2011 में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ट्रक चालक और क्लीनर की हत्या कर ट्रक लूटा। लूट में प्रयुक्त इनोवा मथुरा से लूटी गई। एमपी पुलिस ने साढ़े तीन हजार का इनाम घोषित किया।

लूट के बंटवारे में किया मर्डर

6 मई 2016 को पशु व्यापारी से 50 लाख रूपये लूटे। इसके बंटवारे में विवाद हो गया। इसमें देवेंद्र ने अपने साथी सोमवीर और दिनेश की हत्या कर दी। दोनों के शव गोवर्धन के पास नहर में फेंक दिए। शव फतेहपुरसीकरी में बरामद हुए।