बरेली: एसएसपी ऑफिस और निवास पर इन दिनों फरियादियों की भीड़ लगी हुई है। ऐसा नहीं है कि यह भीड़ अचानक बढ़ गई है। पिछले चार माह के आंकड़ों पर गौर करें तो यह फेहरिस्त लगातार बढ़ रही है। इससे साफ है कि थानों की पुलिस पीडि़तों की सुनवाई नहीं हो रही है। थानों से दुत्कार मिलने के बाद इन पीडि़तों को फरियाद लेकर अफसरों के पास आना पड़ रहा है। एसएसपी ऑफिस पहुंचने वाले मामलों में मामूली विवाद से लेकर संगीन अपराध के मामले भी होते हैं।

शिकायतों में इज्जतनगर थाना टॉप

शहर से लेकर देहात तक 29 थानों के फरियादी एसएसपी ऑफिस अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं। बीते फरवरी महीने में एसएसपी ऑफिस पहुंचने वाले शहर के मामलों की बात करें तो सबसे अधिक 201 फरियादी इज्जतनगर थाना के आए। जबकि दूसरे नम्बर पर बारादरी के 196 और तीसरे नम्बर पर शहर कोतवाली क्षेत्र के 176 फरियादी शिकायतें लेकर पहुंचे। वहीं देहात के थानों से पहुंचने वाले फरियादियों में सबसे अधिक भमौरा थाना की शिकायतें है, दूसरे नम्बर पर मीरगंज और तीसरे नम्बर पर नवाबगंज है।

दिव्यांग की भी नहीं सुनी

एसएसपी ऑफिस मंडे को पहुंचे एक दिव्यांग दुर्गेश निवासी सारीपुर थाना बिथरी चैनपुर ने बताया कि उसकी मां भी दिव्यांग है। दुर्वेश के पैर में प्रॉब्लम हुई तो उसने अपने इलाज के लिए जमीन बेची थी। इसके बाद उसने गांव के ही एक व्यक्ति से इलाज कराने में मदद मांगी और हॉस्पिटल में एडमिट कराने को कहा। मदद के बहाने वह व्यक्ति दुर्वेश को गांव से अपने साथ शहर लाया और एक निजी अस्पताल में एडमिट कराने के बाद उसके 50 हजार रुपए लेकर गायब हो गया। वह शिकायत लेकर थाना गया तो पुलिस ने धमका कर भगा दिया।

थानों में महिलाओं भी सुनवाई नहीं

बहेड़ी थाना के मोहल्ला नूरी नगर निवासी महिला ट्यूजडे को एसएसपी ऑफिस पहुंची, लेकिन जब तक वह पहुंची एसएसपी अपने ऑफिस से निकल चुके थे। महिला का आरोप था कि उसका मोहल्ले के रहने वाले वसीम से प्रेम संबंध थे। वह उसे निकाह के नाम पर झांसा देकर रेप करता रहा। इसी बीच उसे पता चला कि वसीम चुपचाप किसी और युवती से निकाह कर रहा है। महिला ने जब पुलिस से शिकायत की तो उसकी नहीं सुनी गई। पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी वसीम ने निकाह कर लिया, लेकिन पुलिस ने आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की। थाना पुलिस से परेशान होकर वह फरियाद लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंची।

700-शिकायतें नवम्बर 2017 में आई

855-शिकायतें दिसम्बर 2017 में आई

1003-शिकायतें जनवरी 2018 में आई

1011-शिकायतें फरवरी 2018 में आई

580- शिकायतें 13 मार्च तक आई (मात्र छह दिन खुला ऑफिस)

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ऑफिस में फरियादियों की भीड़ बढ़ी है, ठंड में फरियादी भी कम आ पाते थे, लेकिन अब फरियादी अधिक आ रहे हैं। यह बात सही है कि कई बार थानों में फरियादियों को कार्रवाई से संतुष्टि नहीं मिलती है तो वह ऑफिस आ जाते हैं। क्राइम कंट्रोल मीटिंग में सभी थानों के इंचार्ज को बताया जाता है कि वह फरियादियों की सुने जिससे उन्हें भटकना न पड़े। किसी थाना इंचार्ज की शिकायत आती है तो मैं खुद देखता हूं।

जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी

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