- संदिग्ध आतंकी नसीर की घुसपैठ की कोशिश पर जागे जिम्मेदार

- बॉर्डर के इलाके सीसीटीवी की जद में लाए जाएंगे, कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे पुलिस कर्मचारी

GORAKHPUR: नेपाल बॉर्डर से आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए कंट्रोल रूम तैयार करने की कवायद चल रही है। बॉर्डर के जिलों की पुलिस कंट्रोल के जरिए इंडो-नेपाल में आवाजाही पर नजर रखेगी। बॉर्डर के इलाकों को सीसीटीवी कैमरों की सर्विलांस में लाया जाएगा। योजना है कि मुख्य बैरियर चेकपोस्ट और चौकियों पर मौजूद रहने वाले पुलिस कर्मचारी आपस में कोआर्डिनेशन के लिए कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे।

नसीर की गिरफ्तारी पर चेती पुलिस

13 मई की शाम नेपाल के सोनौली बॉर्डर से इंडिया में आ रहे संदिग्ध कश्मीरी युवक को सुरक्षा बलों ने अरेस्ट किया था। पूछताछ में आतंकी संगठनों से कनेक्शन मिलने पर उच्चस्तरीय जांच शुरू हुई। शॉल बेचने के बहाने बॉर्डर करने के चक्कर में लगा नसीर अहमद वानी आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों की तलाश करता है। वर्ष 2002 में उसने कश्मीर में 16 आतंकवादियों को ठिकाना दिलाया था। पाक अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग ले चुका नसीर पाकिस्तान के गुजरांवाला में रह रहा था। दुबई से लौटकर वह काठमांडू पहुंचा। वहां से गोरखपुर के रास्ते वह कश्मीर में जाने की तैयारी में था। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नसीर ने कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। उसने बताया था गोरखपुर के एक युवक की मदद से वह दिल्ली चला जाता।

इस तरह से आतंकी करते घुसपैठ

- खुला बॉर्डर होने से नहीं थम पाती आवाजाही

- घुसपैठ के लिए संदिग्ध तलाशते रहते हैं मौका

- मुख्य रास्तों पर निगरानी होने से लेते पगडंडियों का सहारा

- नेपाल से आने वाली नदियों और जंगलों के रास्ते से होता आवागमन

- बॉर्डर के दोनों गांवों के लोगों से दोस्ती करके उठाते नाजायज फायदा

इन जिलों की सीमा से लगा है बॉर्डर

महराजगंज

सिद्धार्थनगर

बहराइच

बलरामपुर

श्रावस्ती

क्या करेंगे उपाय

- बॉर्डर पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

- पगडंडियों वाले रास्तों पर निगरानी के लिए चौकियां बढ़ेंगी।

- जंगलों के रास्तों पर सुरक्षा बलों की पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी।

- चेक पोस्ट बैरियर पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर दूर तक निगरानी होगी।

- कंट्रोल रूम के जरिए मुख्य चेक पोस्ट और चौकियां जुड़ जाएंगी।

- जिले की पुलिस से कोआर्डिनेशन के लिए अधिकारी भी रखेंगे नजर

- सभी सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों में कोआर्डिनेशन के लिए समय-समय पर मीटिंग बुलाई जाएगी।

बॉर्डर पर पहले भी हुई गिरफ्तारी

13 मई 2017 : सोनौली बार्डर पार करने के चक्कर में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा आतंकी पकड़ा गया।

वर्ष 2013 : लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा अब्दुल करीम टुंडा को पकड़ा गया।

05 मार्च 2010 : लखनऊ की एसटीएफ ने इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े से सलमान उर्फ छोटू को बढ़नी के बॉर्डर अरेस्ट किया।

अक्टूबर 2010: बब्बर खालसा के आतंकी मक्खन सिंह को बढ़ी बार्डर से पकड़ा गया। एक अन्य बिलाल अहमद भट को सोनौली बॉर्डर से आते समय सुरक्षा बलों ने दबोचा।

- पूर्व में सोनौली सीमा से खालिस्तान के लिए एरिया के कमांडर सुखविंदन सिंह उर्फ राजू, मुंबई विस्फोट के मुख्य सूत्रधार याकूब मेन और नूर बख्श को पकड़ा गया था।

वर्जन

बॉर्डर से घुसपैठ रोकने के लिए समुचित उपाय किए जा रहे हैं। बॉर्डर के इलाकों में कंट्रोल बनाने के लिए काम चल रहा है। कई रास्तों पर निगरानी के लिए खुफिया कैमरे भी लगाने की तैयारी है।

मोहित अग्रवाल, आईजी