- कब मिलेगी गंदगी से निजात

- नाले और नालियों की भी नहीं होती है सफाई

मेरठ। वार्ड 43 शहर के पॉश इलाकों में शामिल होता है। यही नहीं इस वार्ड में शहर की मुख्य सड़क आती है। इस सड़क के दोनों ओर वार्ड 43 है। मुख्य मार्ग पर सफाई ठीक होती है। लेकिन मुख्य मार्ग के अंदर ओर जाने वाले मार्गो पर गंदगी रहती है। हालात यह है कि गंदगी का ढेर लगा रहता है। पार्षद की माने तो सफाई तो यहां पर नियमित रूप से होती है। सफाई कर्मी आते हैं और कूड़ा उठाकर ले जाते हैं। इसके अलावा नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी हुई है। हालात देखकर तो यह लगता है कि महीनों से नाली की सफाई न हुई हो। कुछ ऐसा ही हाल नाले का भी है। नाले गंदगी का अंबार है। नाले में झाडि़यां तक उग आई हैं। मुख्य मार्ग पर जो स्ट्रीट लाइट लगी हुई है। वह ऊल्टी सीधी लगी हुई है। वहीं गलियों की भी स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई हैं।

वार्ड- 43

पार्षद- आशु रस्तौगी

जनसंख्या- 16 हजार

वोटर- 14719

पढ़ाई- पोस्ट ग्रेजुएशन

मोहल्ले- तेजगढ़ी, कुटी, शास्त्रीनगर ब्लॉक ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच

ये है डिमांड

- नाले की कम से कम एक माह में सफाई होनी चाहिए।

- नालियों की सफाई रोजाना चाहिए।

- दोनों समय गंदगी उठनी चाहिए।

- गलियों की स्ट्रीट लाइट ठीक होनी चाहिए।

- सर्विस रोड से अतिक्रमण हटना चाहिए और उसका सौंदर्यीकरण होना चाहिए।

प्रश्न- पांच साल में आपने क्या विकास कराया

उत्तर- बीते पांच साल में मैंने साढ़े तीन करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए हैं। जिसमें सड़क, इंटर लॉकिंग टॉयल, पुलिया आदि का निर्माण कराया है। इसके अलावा 70 सोलर लाइट, 4 हाईमास्ट लाइटें लगवाई हैं। हैंडपंप 8 लगवाए हैं। वार्ड में अनेक पार्को का सौंदर्यीकरण कराया है। मेरे वार्ड जैसे पार्क आपको कहीं पर नहीं मिलेंगे।

प्रश्न- वार्ड में गंदगी बहुत अधिक है

उत्तर- वार्ड में रोजाना सफाई होती है। सफाई कर्मी रोज आते हैं और कूड़ा उठाकर ले जाते हैं। रही बात गंदगी तो शाम होते-होते जरूर फिर से गंदगी हो जाती होगी।

प्रश्न- नाले व नालियों की सफाई नहीं होती है

उत्तर- नालियों की सफाई नियमित रूप से होती है। नाले की सफाई को जरूर कह सकते हैं कि उसकी सफाई नहीं होती है। यह हाल पूरे शहर का है। नाले की सफाई के लिए स्वास्थ्य विभाग से कह-कह हार गया।

गंदगी

वार्ड में मुख्य मार्ग के अलावा गलियों के बाहर गंदगी का अंबार लगा रहता है। सफाईकर्मी घरों से निकलने वाला कूड़ा गलियों के बाहर फेंक जाते हैं। गंदगी के कारण मच्छरों की तादात रहती हैं।

नाला

नाले की सफाई महीनों से नहीं हुई है। हालात यह है सफाई न होने के कारण वहां पर लंबी-लंबी झाडि़यां उग आई हैं। झाडि़यों के कारण कूड़ा वहीं पर अटक जाता है। पानी की निकासी आगे नहीं हो पाती है।

सर्विस रोड पर गोबर

शास्त्रीनगर के मुख्य मार्ग के दोनों ओर जो सर्विस रोड वहां पर कुछ लोग गोबर के उपले बनाते हैं। सर्विस रोड से निकलना मुश्किल हो जाता है। वहां से निकलने पर मच्छर चिपक जाते हैं।

स्ट्रीट लाइट

मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइट तो ठीक है लेकिन गलियों में स्ट्रीट लाइट जलती नहीं है। काफी स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई है। जिसके कारण गलियों में अंधेरा पसरा रहता है। अंधेरे के कारण महिलाओं को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।

गंदी नालियां

वार्ड में गलियों की नालियां गंदगी से अटी पड़ी हुई हैं। हालात यह है कि उसमें कूड़ा करकट भरा रहता है। नालियों में गंदगी को देखकर ऐसा लगता है कि महीनों से नालियों की सफाई नहीं हुई है।

सफाई तो रोज होती है। लेकिन शाम होते- होते फिर से गंदगी का अंबार लग जाता है। गंदगी के कारण वहां पर मच्छर भी बहुत अधिक रहते हैं। हर समय बीमार होने का खतरा रहता है।

आशीष

नगर निगम हर साल नालों की सफाई के नाम पर मेन पॉवर और पैसा खर्च करता है। बावजूद इसके नाले आज तक साफ नहीं दिखाई दिए। हर रोज होना संभव नहीं है कम से कम एक माह में तो नाले की सफाई हो जानी चाहिए।

धीरज पाल

नगर निगम के सफाई कर्मी कूड़ा तो उठाकर ले जाते हैं। पर शाम होते-होते फिर से गंदगी हो जाती है। नगर निगम को दोनों समय सफाई करानी चाहिए। चाहे वह इसके बदले वह कुछ शुल्क ले ले।

राजेश नायक

गलियों की कुछ स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई हैं। वह ठीक होनी चाहिए। नगर निगम को अनेक बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं होती है। गली में अंधेरा रहता है।

रविशंकर