-सीएसए में राष्ट्रीय संगोष्ठी व एल्युमिनाई मीट शुरू

KANPUR : ग्लोबल वार्मिग का असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। चेंज क्लाइमेट से एग्रीकल्चर साइंटिस्ट्स को जूझना पड़ रहा है। बावजूद इसके बेहतर तकनीक की मदद से इस बार देश में करीब 270 मिलियन टन खाद्यान का उत्पादन होने की संभावना है। जो एक रिकॉर्ड बन जाएगा। यूपी का काफी एरिया गंगा व यमुना के दोआबा में है, लेकिन यहां पर फसल का उत्पादन अन्य स्थानों की तुलना में 3 परसेंट कम हो रहा है। यह विचार सीएसए में आयोजित किसान केंद्रित नेशनल संगोष्ठी का इनॉग्रेशन करते हुए चीफ गेस्ट रानी लक्ष्मीबाई सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। अरविन्द कुमार ने व्यक्त किए। चीफ गेस्ट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन इयर 2001 से लेकर 2017 तक चला आ रहा है। एग्रीकल्चर साइंटिस्ट लगातार इस चेंज की वजह से नए सीड्स डेवलप करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉ। मुनीश गंगवार, डॉ। राजेन्द्र प्रसाद, डॉ राजेन्द्र सिंह, डॉ। डीके सिंह डॉ। एसके सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।