दावा था चौबीस घंटे बिजली देने का लेकिन मिल रहा है महज 19 घंटे

देहात सी हालत है पीएम के संसदीय क्षेत्र की, गांव में भी नर्क भोग रहे हैं लोग

इमरजेंसी, लोकल फॉल्ट और मेंटेंनेंस के नाम पर हो रही कटौती

VARANASI

पॉवर कॉरपोरेशन का दावा कि शहर को ख्ब् घंटे अनवरत हो रही है बिजली सप्लाई। पर हकीकत इससे ठीक उलट है। शहर को बमुश्किल क्9 से ख्0 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। उमस भरी गर्मी के कोढ़ पर पर इन दिनों हो रही बिजली कटौती खाज का काम कर रही है। विभाग के पास कटौती के अपने बहाने भी हैं। कभी लाइन मेंटेंनेंस तो कभी इमरजेंसी के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है। हालांकि बिजली विभाग बेहतर पॉवर सप्लाई का दावा करता आ रहा है, लेकिन दिन में कई बार गुल हो रही बिजली इनके दावों की पोल खोल रहा है।

रोस्टिंग व इमरजेंसी रोस्टिंग

पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के चलते शहर को लखनऊ मुख्यालय ने रोस्टिंग मुक्त रखा है। बावजूद इसके लोकल स्तर पर की जा रही कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है। शहरवासियों को सबसे अधिक बिजली की जरूरत सुबह और फिर शाम को होती है, लेकिन शहर में सुबह 8 से क्क् व शाम को 7 से क्क् बजे तक बिजली कटौती की जा रही है। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि मेंटेंनेंस वर्क के चलते कटौती की जा रही। जिस भी सबस्टेशन पर काम करना होता है। उस क्षेत्र में सुबह क्क् से शाम फ् बजे तक पॉवर सप्लाई बंद रखी जाती है।

द अदर साइड

कहीं लाइन लॉस तो नहीं है वजह

विभाग कटौती का सबसे बड़ा कारण लाइन मेंटेंनेस बता रही है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय शहर में बिजली की मांग के सापेक्ष क्00 परसेंट आपूर्ति नहीं हो रही है। जिसके चलते बिजली का संकट बना हुआ है। पर सूत्रों का कहना है कि लाइन लॉस कम रखने की कवायद भी कटौती की एक बड़ी वजह है। जितनी अधिक सप्लाई होगी व्यवस्था की कमी के चलते लाइन लॉस भी उतना ही होगा। इस लाइन लॉस को कम रखने के लिए अधिकारी बिजली कटौती करा देते हैं।

प्रोडक्शन की कमी का भी है रोना

विभागीय अधिकारी प्रोडक्शन की कमी को भी बिजली संकट का कारण बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश में तकरीबन दो हजार मेगावाट की कमी है। केन्द्र सरकार के जल विद्युत परियोजना नफथा, झाकरी तथा करछम वाग्च्यू सहित इत्यादि में सिल्ट आ जाने के कारण इन दिनों प्रदेश को पांच सौ मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है। फिलहाल इस हालात से उबरने के लिए पावर कॉरपोरेशन कान्टीजेंसी तथा एक्सचेंज के जरीये बिजली खरीद कर कंज्यूमर्स को सप्लाई करने का प्रबंध कर रहा है।

बिजली कटौती से परेश्ानी हजार

-अनशेड्यूल्ड बिजली कटौती के चलते पानी का भी संकट

-उमस भरी गर्मी में कटौती में बिलबिला जा रहे लोग

-मेंटेंनेंस वर्क के चलते होने वाली कटौती से इनर्वटर भी नहीं हो पा रहे हैं चार्ज

शहरी कंज्यूमर्स - फ्.क्0 लाख

बिजली की डिमांड - भ्00 मेगावाट

उपलब्ध बिजली - ब्7भ् मेगावाट

लाइन लॉस - ख्0 से ख्ख् मेगावाट

बिजली की कमी- ख्भ् मेगावाट

बॉक्स

यहां करें शिकायत

बिजली विभाग ने बिजली सम्बन्धी किसी भी शिकायत के निस्तारण के लिए टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर क्9क्ख् जारी किया है। इस पर संपर्क कर कोई भी उपभोक्ता बिजली सम्बन्धी अपनी कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। इस नंबर पर आने वाले शिकायतों की मॉनिटरिंग लखनऊ से की जाती है।

ब्लिक वर्जन

सुबह के समय अक्सर बत्ती गुल रहती है। बिजली जाने से पानी की किल्लत हो जाती है।

पिंटू पांडेय, लहरतारा

बच्चे सुबह- सुबह स्कूल जाते हैं। उनको नहलाने के लिए पानी नहीं होता, वहीं घरेलू कामों में भी पानी की जरूरत पड़ती है। पर सुबह होने वाली कटौती परेशान कर दे रही है।

धीरज तिवारी, जगतगंज

-

शहर में बिजली का बुरा हाल है। बिजली कभी भी चली जा रही है। ख्ब् घंटे का दावा है लेकिन स्थिति इससे ठीक विपरीत है। बिजली न मिलने के चलते पानी का भी संकट पैदा हो जार रहा है।

एसपी श्रीवास्तव, नाटी इमली

ऑफिशियल स्टैंड

अक्टूबर तक करना होगा इंतजार

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी अतुल निगम से कटौती के बाबत बात की गयी तो उन्होंने शहर की बिजली व्यवस्था सामान्य होने के लिए अक्टूबर तक इंतजार करने को कहा। कहा कि अक्टूबर तक बनारस को कटौती मुक्त कर लिया जाएगा। बेहतर सप्लाई के लिए सिस्टम का अपग्रेड होना जरुरी है। इस कवायद में मेंटेंनेस वर्क चल रहा है। बनारस में एलटी वायर और डिमांड के सापेक्ष ओवर लोडेड पॉवर सिस्टम काफी पुराने हैं। इसलिए इन्हें बदलना जरुरी है। निर्बाध सप्लाई के लिए सितम्बर तक लाइन लॉस होने वाले सभी प्वॉइंट को दुरुस्त कर लिया जाएगा। प्रोडक्शन यूनिट में परेशानी आने से सप्लाई थोड़ी प्रभावित हुई है। जिसे ख्0 जुलाई तक नॉर्मल कर लिया जाएगा। इसका प्रबंध भी हो चुका है।