- आरटीआई के जरिये हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा

- सिर्फ एक एफआइआर, एक स्टॉक सील और चार को नोटिस

LUCKNOW: एसिड अटैक सरवाइवर्स की बात आने पर शासन की ओर से एसिड की बिक्री को प्रतिबंधित करने को लेकर बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश के 50 जिलों में बिना एक भी लाइसेंस एसिड धड़ल्ले से बिक रहा है। यह खुलासा हुआ है एक आरटीआई में शासन द्वारा दिये गए जवाब के जरिए। इस जवाब में चौकाने वाली एक और बात यह भी है कि इन 50 जिलों में अवैध रूप से एसिड बिकने के बावजूद सिर्फ एक मामले में ही एफआईआर दर्ज करवाई गई है साथ ही सिर्फ चार अवैध एसिड कारोबारियों को नोटिस दिया गया है।

प्रदेश में सिर्फ 118 लाइसेंसी

आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ। नूतन ठाकुर ने शासन से आरटीआई के जरिए यूपी में एसिड की बिक्री के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत बनाई गई नियमावली के उल्लंघन पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। शासन की ओर से मिले जवाब के मुताबिक, प्रदेश में एसिड बिक्री के लिए कुल 118 लाइसेंसी हैं और इसमें सबसे अधिक मीरजापुर तथा भदोही में 11-11, फर्रुखाबाद में 10 जबकि, वाराणसी और लखनऊ में नौ-नौ लाइसेंसी हैं। हैरानी की बात है कि प्रदेश के 50 जिलों में एसिड बिक्री के लिए कोई लाइसेंस ही जारी नहीं किया गया है। जिन जिलों में एक भी लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया उनमें आगरा, बरेली और कानपुर नगर भी शामिल हैं। वहीं नेशनल कैपिटल रीजन में स्थित गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जैसे जिलों में भी सिर्फ एक-एक लाइसेंसी हैं।

यह कैसी सख्ती?

गृह विभाग ने इस संवेदनशील मामले को लेकर सतर्कता और सख्ती का दावा किया है। गृह विभाग के अनुसचिव उमेश कुमार तिवारी ने बताया है कि एसिड बिक्री रोक के प्रचार-प्रसार के लिए पूरे प्रदेश में कुल 346 बैठकें हुई जिसमें सर्वाधिक 23 मेरठ तथा 22 सिद्धार्थनगर में हुई। जिला स्तरीय टीमों द्वारा 343 निरीक्षण किए गए। इनमें 66 रायबरेली, 48 फीरोजाबाद और 29 एटा में हुए। गौरतलब है कि इन जिलों में एक भी लाइसेंसी नहीं है। भारी भरकम तादाद में किये गए निरीक्षण में महज 12 अनियमितताएं पायी गई, जिनमें सिर्फ कासगंज में एक मुकदमा दर्ज हुआ। रायबरेली में एक अवैध स्टॉक सील किया गया और चार जगहों पर नोटिस जारी किया गया। नूतन ठाकुर ने शासन के इस जवाब पर कहा कि यह सूचना सरकार की कथनी और करनी में अंतर खुद ब खुद बयां कर रही है।