आरटीआई में हुआ बड़ा खुलासा, स्कूल छुपा रहे जानकारी

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PATNA : स्कूलों की फीस पर अंकुश लगाने में सीबीएसई को मुंह की खानी पड़ी है। शिकंजा कसने का हर हथकंडा फेल हो रहा है और मार पैरेंट्स पर पड़ रही है। पटना में कुल 62 स्कूल सीबीएसई से एफिलिएटेड हैं। वहीं, पूरे बिहार में 833 स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। स्थिति यह है कि संसाधन में फिसड्डी स्कूल भी मनमानी फीस वसूल रहे हैं। सीबीएसई ने स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने और गार्जियन को राहत देने के लिए एक और बड़ा प्रयास किया था लेकिन पटना ही नहीं पूरे देश के किसी भी स्कूल ने कोई जानकारी नहीं दी है। यह बड़ा और चौकाने वाला खुलासा आरटीआई से हुआ है।

सीबीएसई की मंशा पर ग्रहण

सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बोर्ड ने फीस से स्टूडेंटस को मिलने वाली सुविधाओं से जोड़कर समीक्षा के बाद फीस रिव्यू कराने को लेकर स्कूलों से उपलध संसाधन जानकारी मांगी थी। निजी स्कूल प्रबंधन एवं प्रधानाचायरें को स्कूलों की फीस, बच्चों के ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिक्योरिटी, स्टूडेंट डेटा, टीचर डेटा व लैब सिस्टम सहित कई जानकारी मांगी थी। इसके लिए ऑनलाइन जानकारी मांगी गई थी जिससे फीस का निर्धारण किया जा सके। 31 अक्टूबर को अंतिम तिथि बताते हुए बोर्ड ने स्कूल प्रबंधन को बोर्ड की वेबसाइट पर स्कूल की जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया था।

आरटीआई में सामने आई मनमानी

आरटीआई एक्टिविस्ट अजीत कुमार सिंह ने सीबीएसई से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि पूरे देश से कितने स्कूलों ने सीबीएसई को अपेक्षित जानकारी दे दी है। उन्होंने उन विद्यालयों की सूची मांगी थी जिन्होंने सीबीएसई की गाइडलाइन का पालन नहीं किया है। इस प्रश्न का जवाब चौकाने वाला आया है। सीबीएसई के निर्देशों को हवा हवाई कर दिया गया है। सीबीएसई के जन सूचना अधिकारी ने जवाब में कहा है कि पूरे देश से एक भी सूचना उपलध नहीं कराई गई है। आररीआई से हुए इस खुलासे ने बोर्ड की सख्ती पर सवाल खड़ा कर दिया है।