-इंफोसिस की जॉब छोड़ की यूपीएससी की तैयारी

-शांतनु को यूपीएससी में 89वां रैंक

>RANCHI: कहते हैं हौसला हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता और हिम्मत हो तो मंजिल का पता मिल ही जाता है। कुछ यही साबित किया है रांची के शांतनु ने। जिन्हें यूपीएससी में 89वां रैंक मिला है। डालटनगंज से क्0वीं की पढ़ाई करने वाले शांतनु ने दूसरे प्रयास में ही यह सफलता हासिल की है। उन्होंने जेवीएम श्यामली से क्ख्वीं की पढ़ाई पूरी की।

प्रोफेसर माता-पिता के बेटे ने किया कमाल

शांतनु के माता-पिता दोनों प्रोफेसर हैं। पिता डॉ। रामानुज शर्मा जीएल कॉलेज डालटनगंज में हिन्दी के प्रोफेसर हैं, जबकि माता डॉ। अनिता सिन्हा नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी में पॉलीटिकल साइंस की प्रोफेसर हैं। क्ख्वीं के बाद बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की और इकोनामिक्स में पीजी किया। इसके बाद ख्0क्ख् में इंफोसिस बेंगुलरू में जॉब ज्वाइन किया।

इंफोसिस की जॉब छोड़ की तैयारी

इंफोसिस में केवल छह महीने की नौकरी करने के बाद शांतनु ने रिजाइन कर दिया। इनका कहना है कि पहली बार पीटी पास करने के बाद मेंस एग्जाम में असफल हो गए। लगा कि यूपीएससी की तैयारी के लिए और समय चाहिए। इसके बाद मैं नौकरी छोड़कर पूरी तरह तैयारी में लग गया। हिस्ट्री सब्जेक्ट से तैयारी की और दूसरी बार में ही सफलता मिल गई। तैयारी के लिए दिल्ली के ही एक कोचिंग से मदद ली। शांतनु का कहना है कि जब तक घर में रहा, मां से इंटरनेशनल रिलेशन सहित अन्य पार्ट की तैयारी में मदद मिली। शांतनु की बड़ी बहन बेंगलुरु में इंजीनियर हैं। इनकी फ‌र्स्ट च्वाइस आइएएस और कैडर बिहार है।

फैक्ट्स पर रखे ओपिनियन

शांतनु का कहना है कि तैयारी में माता-पिता, बहन व दोस्तों का भरपूर सहयोग मिला। वह कहते हैं कि अखबार को प्रतिदिन जरूर देखें। इसके अलावा किसी तथ्य पर अपने विचार रखें और उसे समझें। क्वांटिटी नहीं, बल्कि क्वालिटी टाइम दें। खुद पर विश्वास रखते हुए सिर्फ तैयारी करें। सफलता की चिंता नहीं करें।