RANCHI: पूरे देश में बिजली सस्ती होती जा रही है। ऐसे में झारखंड में हर साल बिजली की रेट में वृद्धि समझ से परे है। ख्भ् परसेंट बिजली दर बढ़ाने का विरोध इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से लेकर व्यवसायियों व आम लोगों ने भी किया है। झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने नई टैरिफ को अव्यावहारिक बताते हुए इसे जनहित के खिलाफ बताया है। वहीं, आम लोगों ने कहा है कि बिजली देंगे नहीं, लेकिन दाम हर साल बढ़ाते जा रहे हैं। इसका असर व्यवसाय, इंडस्ट्रीज से लेकर आम लोगों के जन जीवन पर पड़ेगा।

रेगुलेशन की अनदेखी

जेसिया सचिव दीपक कुमार मारू ने बताया कि बिजली वितरण निगम द्वारा खरीदारी में काफी खर्च किया जा रहा है, लेकिन पैसे की वसूली नहीं हो पा रही है। ऊपर से झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली वितरण निगम के प्रस्ताव पर विशेष ध्यान नहीं दिया। बिजली वितरण निगम बकाया राशि की वसूली नहीं कर पा रहा है, तो आमलोगों का बोझ बढ़ा रहा है। जेएसआरसी ने इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया। आंकड़ों पर बगैर गौर किए ही आयोग ने डिसिजन लिया है, जो गलत है।

चैंबर ने भी खोला मोर्चा

बिजली की नई दर पर फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर एंड इंडस्ट्रीज ने आपत्ति जताई है। चेंबर ने कहा कि घरेलू बिजली दर में ख्भ् प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का फैसला पूरी तरह गलत है। उद्योग जगत में भी क्क् प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी की गई है। चेंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा, हमारे झारखंड में कोयले की कोई कमी नहीं है। उसके बावजूद पावर कट की समस्या लगातार बनी हुई है। बिजली सप्लाई प्रभावित है। फिर भी बिजली की कीमतें लगातार बढ़ाई जा रही हैं।

व्यवसायिक संगठनों में उबाल

उद्योगों व आम जनता को बिजली सही ढंग से मिल नहीं रही है और रेट बढ़ाई जा रही है। यह तर्क संगत नहीं है। बिजली बोर्ड को पहले लोड शेडिंग में सुधार लानी चाहिए और अपने घाटा की भरपाई की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन आयोग ने आदेश दिया है तो उपभोक्ताओं को मानना ही पड़ेगा।

योगेंद्र कुमार ओझा, अध्यक्ष, जेसिया

बिजली की रेट बढ़ने से झारखण्ड में उद्योग-धंधो पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। एक तो पावर सप्लाई की क्वालिटी इतनी खराब है कि उद्योगों को चलाना अब आसान नहीं रहा। जेनरेटर के भरोसे उद्योग चल रहे हैं। ऐसे में बिजली दर बढ़ाने किसी लिहाज से जायज नहीं है।

-बिनोद नेमानी, मीडिया प्रभारी, जेसिया

यह बढ़ोतरी गलत कदम है। यह झारखण्ड सरकार के उद्योग के लिए उठाए कदम के खिलाफ है। झारखंड में बिजली की दर कम होनी चाहिए क्योंकि यहां कोयले की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में है। इस महंगी बिजली से उद्योग को नुकसान होगा।

-रंजीत टिबड़ेवाल, व्यवसायी

झारखंड में बिजली महंगी हो रही है, अन्य राज्यों में सस्ती बिजली मिल रही है। फिर महंगी बिजली से उद्योग और जनता दोनों की परेशानी बढ़ेगी। यह फैसला गलत है।

-सुनील जायसवाल, व्यवसायी

गुस्से में हैं आम लोग

बिजली का दाम पिछले साल ही बढ़ा था, अब दोबारा से बढ़ा दिया गया है। एक तो बिजली की प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। पूरा समय बिजली मिलती नहीं है और सिर्फ दाम बढ़ाते जा रहे हैं।

आदित्य कुमार

बिजली का दाम बढ़ाने से सिर्फ आम लोगों को इसकी परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर सरकार पूरे समय तक और सही बिजली दे, तो वो भी ठीक है। लेकिन बिजली मिल नहीं रही है और दाम बढ़ा रहे हैं।

कामिनी लकड़ा

जब भी दाम बढ़ता है, तो यह कभी नहीं देखा जाती की सुविधा का हाल क्या है। हमलोगों को पिछले साल भी बिजली का बढ़ा बिल आया था। इस साल भी आया है।

जिम्मी गुप्ता

बिजली की रेट अगर बढ़ गई है, तो उसका फायदा भी आम आदमी को मिलना चाहिए। घंटों बिजली कटने से छुटकारा मिलनी चाहिए। एक तो बिजली नहीं, ऊपर से सिर्फ बिल बढ़ाते जा रहे हैं।

ध्रुव कुशवाहा

पैसा देने के बाद भी हमलोगों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। अब सरकार अगर दाम बढ़ा रही है तो सुविधा भी बढ़ाए। पिछले साल ही बिजली की दर बढ़ाई गई थी।

श्रीकांत श्रीवास्तव