परिषदीय स्कूलों की किताबों में लगेंगे क्यूआर कोड

नए सत्र में बंटने वाली किताबों के लिए तैयार हो रही नई व्यवस्था

Prakashmani.tripathi@inext.co.in

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई अब बोरिंग नहीं लगेगी। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नई तैयारी में लगा है। बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने और कोर्स के चैप्टर को रोचक ढंग से पढ़ाने की दिशा में बेसिक शिक्षा विभाग ने नई तैयारी की है। इसके अन्तर्गत अब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबों में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। यह व्यवस्था वर्तमान सत्र से ही लागू होगी। इस वर्ष बच्चों को दी जाने वाली किताबों में क्यूआर कोड लगे होंगे। बच्चों को क्यूआर कोड की मदद से चैप्टर इंट्रेस्टिंग तरीके से पढ़ाया जा सकेगा।

ऐप से क्यूआर कोड करेंगे स्कैन

नई व्यवस्था शुरू करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नया एप लांच करने जा रहा है। इसे टीचर्स को डाउनलोड करना होगा। इसके बाद क्लास में किसी भी समय पढ़ाते समय टीचर्स ऐप के जरिए क्यूआर कोड को स्कैन कर चैप्टर से जुड़े विषयों की जानकारी और उसके चित्र और वीडियो को डाउनलोड कर दिखा सकेंगे और उसके बारे में बेहतर तरीके से बता सकेंगे। इस प्रक्रिया से बच्चों की रूचि भी बढ़ेगी। खासतौर पर किसी भी विषय के बारे में पढ़ते समय उसे देखने और उससे संबंधित वीडियो को देखकर समझने में बच्चों को आसानी होगी। एक बार वीडियो और फोटो डाउनलोड करने के बाद टीचर्स उसे ऑफ लाइन कभी भी दिखा सकेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए अपर शिक्षा निदेशक शिविर रूबी सिंह ने बताया कि किताबें छाप रहे पब्लिशर्स को क्यूआर कोड उपलब्ध करा दिया गया है, जिससे वे किताबे छापते समय ही उसे किताबों के पृष्ठ पर अंकित करें। यह बेहद ही रोचक तरीके से बच्चों को पढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे बच्चों को किताबें पढ़ने और उससे संबंधित विषयों को समझने में मददगार साबित होगा।

फैक्ट फाइल

01 कक्षा से लेकर 8वीं तक सभी किताबों में होगा क्यूआर कोड

क्यूआर कोड से किसी भी विषय से संबंधित फोटो और वीडियो टीचर्स कर सकेंगे डाउनलोड

क्यूआर कोड के प्रयोग के लिए विशेष रूप से तैयार कराया गया है ऐप

क्लास में बच्चों को इंट्रेस्टिंग ढंग से पढ़ाने के लिए की गई है व्यवस्था

इसी वर्ष बंटने वाली किताबों में होगी ये नई व्यवस्था

इसके जरिए हिमालय, समुद्र जैसे विषयों को पढ़ते समय उसकी फोटो और वीडियो भी दिखाकर बच्चों को समझाने में मिलेगी मदद

विभाग की तरफ से बच्चों की रूचि पढ़ाई में बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड को तैयार कराया गया है। प्रकाशकों को क्यूआर कोड उपलब्ध करा दिया गया है, ताकि वे इसे छापते समय किताब पर अंकित कर दें।

रूबी सिंह

अपर शिक्षा निदेशक, शिविर

लखनऊ