- पुलिस ने किया नीरज रामरायका मर्डर से पर्दा उठ जाने का दावा

- रुपए न लौटाने पर युवक ने नीरज को मारी थी गोली

GORAKHOPUR

प्रॉपर्टी की सौदेबाजी में एडवांस नकदी हड़पने के चक्कर में नीरज को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। रुपए न लौटाने पर एडवांस रकम देने वाली महिला के बेटे रोहित वर्मा ने दवा कारोबारी नीरज रामरायका की गोली मारकर हत्या कर दी। यह दावा शनिवार को एसएसपी राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया। एसएसपी के अनुसार, कैंसर पीडि़त रोहित के पिता शशिभूषण का उपचार चल रहा है। इसके लिए फैमिली को रुपयों की जरूरत पड़ रही थी। रुपए मांगने पर नीरज ने 'जाओ जो करना होगा कर लेना' की धमकी देकर टरका देते थे। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और कारतूस भी बरामद किया है। एसएसपी की मानें तो इस पर्दाफाश से नीरज के परिजन भी संतुष्ट हैं। डीएम के सामने ही रोहित ने दवा कारोबारी के मर्डर की धमकी दी थी। मोबाइल सर्विलांस, सीसी टीवी फुटेज और काल रिकॉर्ड के आधार पर रोहित को अरेस्ट किया गया है।

डील में नहीं लौटाई एडवांस रकम

बेतियाहाता नॉर्थ कमिश्नर कंपाउंड निवासी नीरज रामरायका दवा के साथ-साथ प्रॉपर्टी का कारोबार करते थे। गुरुवार की देर रात अलहदादपुर से दुकान बंद करके वह घर के पास पहुंचे तभी पहले से मौजूद युवक ने उन पर ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी। जान बचाने के लिए नीरज भागे तो युवक ने पीछा करके गोली मार दी। पैदल ही गलियों से निकलकर फरार हो गया। दवा कारोबारी के मर्डर के बाद जांच में जुटी पुलिस ने कई संदिग्धों को उठाया। इस दौरान सामने आया कि शाहपुर, आवास विकास कॉलोनी निवासी शशिभूषण वर्मा की पत्‍‌नी गीता वर्मा ने मकान खरीदने के लिए नीरज को नौ लाख 80 हजार रुपए एडवांस दिए थे। दो साल पूर्व रकम लेने के बाद नीरज ने प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ाकर 42 लाख रुपए कर दी। सौदा न पटने पर गीता वर्मा अपने रुपए मांगने लगीं लेकिन नीरज पैसा नहीं दे रहा था।

डीएम ऑफिस पर दी थी धमकी

रुपए न मिलने पर 11 मई को गीता ने नीरज के खिलाफ कैंट थाना में फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज कराया। चार दिन पूर्व गीता देवी का बेटा रोहित वर्मा इस मामले की शिकायत लेकर डीएम के पास पहुंचा था। सीएम से हुई शिकायत के आधार पर डीएम ने मामले के निस्तारण का आदेश पुलिस को अधिकारियों को दिया। एसएसपी ने दावा किया कि तब बातों-बातों में रोहित ने हत्या की धमकी दी थी। कहा था कि उसके पिता को कैंसर है। उपचार के लिए उसने लाखों रुपए कर्ज लिए हैं लेकिन उसका पैसा दवा कारोबारी नहीं लौटा रहा है। 15 जून की शाम सात-आठ बजे नीरज के घर पहुंचकर दीपक ने उसके आने का इंतजार किया। रात में जैसे ही दवा कारोबारी अपने घर के पास पहुंचा, पहले से मौजूद नीरज उसे गोली मारकर फरार हो गया। गोली चलाने के बाद अपनी सफेद शर्ट बदलकर दीपक ने गली में फेंक दिया। घर पहुंचकर रात तीन बजे तक वह मोबाइल पर गाना सुनता रहा। जांच में उसके खिलाफ सारे सबूत मिले। शनिवार को वह कहीं भागने के चक्कर में था। मोहद्दीपुर के पास पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। हालांकि पुलिस की कहानी सवालों के घेरे में है।

पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

- रुपए के विवाद में मुकदमा दर्ज कराने के बाद हत्या की नौबत क्यों आई?

- नीरज की हत्या के बाद रुपयों की कमी की भरपाई आखिर कैसे हो पाएगी?

- मर्डर के लिए रोहित वर्मा ने असलहा और कारतूस कहां से अरेंज किया?

- रोहित के जेल जाने के बाद आखिर उसके पिता का उपचार कैसे होगा?

- मामले के पर्दाफाश के पहले परिजनों को क्यों कन्विंस करना पड़ा?

-----------

वर्जन

रोहित वर्मा ने घटना को अकेले अंजाम दिया था। नीरज उसके पैसे नहीं लौटा रहे थे। पिता के लिए उपचार के लिए वह काफी कर्ज ले चुका था। इसलिए उसने नीरज को मारने का फैसला किया। इसके पर्याप्त साक्ष्य पुलिस के पास हैं। 48 घंटे के भीतर आरोपी को अरेस्ट करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार रुपए का इनाम दिया गया है।

आरपी पांडेय, एसएसपी