आगरा। मानसून दस्तक देने को बिल्कुल तैयार खड़ा हुआ है। यही बिल्कुल सही समय है पानी की फसल उगाने का। थोड़ी सी जागरुकता दिखाएं, तो यह शहर गर्मी में पेयजल संकट से उबर सकता है। करना सिर्फ इतना है कि बारिश के बूंदों को धरती में सहेजना है। इसके लिए चाहे अपने भवनों में रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लीजिए या बेकार बहते पानी को शोक पीट बनाकर रोक लीजिए। आज आपका छोटा सा किया गया प्रयास भविष्य में हजारों लोगों की प्यास बुझाएगी।

यह बात तो साफ है कि रसातल की ओर जा रहे भूजल स्तर को रोकने के लिए प्रशासन कतई गंभीर नहं है। कानूनी प्रावधान होने के बावजूद न तो लोगों को अमल करवा पा रहा है और नहीं खुद अपने भवनों में पानी सहेजने की तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। जानकारों की मानना है कि पिछले दस सालों में में आगरा शहर के नए घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया होता, तो 1 साल में कम से कम 50 हजार से अधिक लोगों की प्यास बुझाई जा सकती थी।

ये हैं आधुनिक सिस्टम

डायरेक्ट इंजेक्शन मैथड- ये विधि एक हजार वर्गफुट के मकानों में प्रयोग में लाई जाती है। इसमें छत की पाइप से 6 इंच के पीवीएस फिल्टर के साथ बोरवेल में जोड़ दिया जाता है। ये सिस्टम 10 हजार में तैयार होगा।

रिचार्ज वेल- ये विधि 2 हजार वर्गफुट के मकानों में उपयोग में लाई जाती है। इसमें 2 फीट डाया का 10 फीट गहरा गढ्डा खोदा जाता है। इसमें सबसे नीचे ईंट के टुकड़े, उसके ऊपर 40 एमएम फिर 20 एमएम की गिट्टी, मोटी फिर पतली रेत डाली जाती है। सबसे ऊपर कोयला और फिटकरी डालते हैं। ये सिस्टम 12 हजार रुपए में तैयार होता है।

रिचार्ज वेल विद् ट्यूबवेल- ये तकनीक 10 हजार वर्गफुट तक एरिया में प्रयोग में लाई जाती है। जमीन में बोर के चारों ओर बड़ी ईंटों का गढ्डा तैयार करते हैं। इसमें रिचार्ज वेल की विधि इस्तेमाल करते हैं। इससे बोर के पानी का लेवल बढ़ता रहता है। इसकी कीमत 35 से 40 हजार रुपया होती है।

रिचार्ज ट्रेंच- ये तकनीक मल्टीलेवल स्टोरीज व कमर्शियल बिल्िडग में इस्तेमाल होती है। इसमें 10 गुना 15 साइज का एक बड़ा गढ्डा खोदते हैं। 6 इंच का 250 से 300 फीट का बोरवेल तैयार करते हैं। इसमें पूरे जमीन के पानी संचय की लाइन जोड़ी जाती है। इसकी लागत 1 लाख रुपया तक आती है।

ऐसे भी सहेज सकते हैं पानी

- तालाबों और जलाशयों का संरक्षण करें।

- सीमेंट व डामर की सड़कों के बाद ओपन स्पेस रखें, जिससे कि जमीन पानी अवशोषित कर सके।

- बेकार मैदान को जलाशय में तब्दील करें।

- नदी-नालों में कट बांध बनाएं ताकि पानी जमा रहे और इससे आसपास के क्षेत्र में पानी का स्त्रोत भी बना रहे।

- एक परिवार के लिए डेढ़ साल का पानी

वाटर हार्वेस्टिंग से कितना पानी बचाया जा सकता है। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लो 2400 वर्गफुट क्षेत्रफल का एक भूखंड है। इस क्षेत्र में आमतौर पर 39 इंच बारिश होती है। भूखंड में गैरेज व पोर्च को मिलाकर 1600 वर्गफुट की छत है। करीब 400 वर्गफुट का खुला क्षेत्र लॉन है।

- छत पर एक वर्ष में संग्रहित जल की मात्रा: 1600 गुना 3.3 = 5200 वर्गफुट या लगभग 147475 लीटर।

- खुला व लॉन से जमीन में सोखे गए पानी की मात्रा: 400 गुना 3.3= 1300 वर्गफुट या 38868 लीटर।

- किचन सिंक से एक वर्ष में संग्रहित जल की मात्रा: 50 लीटर गुना 365 = 18250 लीटर

- यानी साल भर में हार्वेस्टिंग या सोक पीट में पूरे वर्ष भर में संग्रहित जल की मात्रा 299043 लीटर

- एक चार सदस्य वाले परिवार को वर्ष भर में लगने वाले पानी की मात्रा: 135 लीटर गुना 4 गुना 365 = 197000 लीटर