लोगो: होली आई रे

-राजधानी में होली की तैयारी जोर-शोर से

-रंग, अबीर-गुलाल के साथ ठंडई बाजार भी गुलजार

RANCHI (24 Feb): रंगों के त्योहार होली में अब गिनती के चार दिन बचे हैं। इसको लेकर जहां रंग, अबीर-गुलाल, पिचकारी का बाजार सज-धज कर तैयार है। वहीं, ठंडई का बाजार भी उफान पर है। शौकीन और दुकानदार दोनों तैयार हैं। वैसे तो शहर के हर गली मुहल्ले में ठंडई मिलती है और शौकीन इसकी तरंग में तरंगित होते हैं, लेकिन होली के मौके पर इसे पीने और पिलाने की खास तैयारी होती है। दूध, काजू, किशमिश, पिस्ता, बादाम, सौंप, काली मिर्च, खरबूजे के बीज, गुलाब की पंखुड़ी, पोस्ता दाना और मलाई के साथ सिल-बट्टे पर घोंटी गई ठंडई होली के दिन शौकीनों के सिर चढ़कर बोलती है। रांची में इसकी तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। ज्यादातर शौकीन भांग की सूखी पत्तियों और पाउडर से काम चलाते हैं, क्योंकि पाउडर के रूप में पैक भांग बाजार में आसानी उपलब्ध है। इसके अलावा रांची के सभी इलाके में भोला, लहरी, मुनक्का और रसीला के नाम से भांग की गोलियां पान-गुटखा की दुकानों पर अवेलेबल हैं।

5 से 40 रुपए ग्लास

होली आने से पहले रांची में ठंडई का बाजार भी शुरू हो गया है। अपर बाजार से लेकर फिरायालाल, लालपुर तक में ठंडई मिल रहा है। लालपुर में ठंडई बेचने वाले आनंद कुमार ने बताया कि पांच तरह की ठंडई बेच रहे हैं। पांच रुपए से लेकर 40 रुपए तक में एग ग्लास ठंडई हाजिर है। होली के समय इसकी रेट बढ़ जाती है।

होली में बढ़ जाती है खपत

रांची शहर में होली के दिन ठंडई की खपत कई गुणा बढ़ जाती है। आम दिनों में एक दुकानदार 200-250 रुपए की लगभग 500 ग्राम भांग बेचता है। इसमें एक रुपए से लेकर 10 रुपए तक के खरीदार शामिल होते हैं। होली के दिन तरंग आने के लिए भांग के आदी लोगों के साथ नए-नए लोग भी भांग का आनंद लेते हैं। इसलिए यह खपत चार गुना बढ़ जाती है। आम दिनों में सूखी पत्तियां, पाउडर व पैक गोले की खपत बढ़ाते हैं।

नेपाल व बंगाल से सप्लाई

राजधानी के हर गली-मुहल्ले में भांग की दुकानें हैं। स्टील के बर्तन में भांग का पाउडर पानी में भिगोकर दुकानदार रखते हैं। 50 पैसे से छोटी गोली की बिक्री शुरू होती है। लालपुर के दुकानदार मनोज ने बताया कि वैसे तो भांग के थोक व्यापारी के बारे में हमें खास जानकारी नहीं है, लेकिन हम लोग अपर बाजार से खपत के मुताबिक रोज आधा या एक किलो भांग का पाउडर मंगाते हैं। शहर में बिहार और नेपाल से भांग की सप्लाई होती है।