RANCHI: पास्को एक्ट में 12 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा के एलान के बाद झारखंड के 16 गुनाहगारों पर फंदा कसता नजर आने लगा है। वर्ष 2016-17 में स्टेट की 16 बेटियों को दरिन्दों ने अपना शिकार बनाया। इन बेटियों की उम्र महज 6 वर्ष से 12 वर्ष के बीच थी। दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले भी लगातार सामने आते रहे और इन गुनाहगारों के पीछे पुलिस हाथ धोकर पड़ी रही। इनमें कुछ जेल में हैं जबकि कुछ को जमानत मिली है, लेकिन केस अभी भी चल रहा है। इन लोगों के खिलाफ स्टेट पुलिस ने कमर कसते हुए इन्हें फांसी के तख्ते तक पहुंचाने की मुहिम चलाने का फैसला लिया है।
1094 आरोपी भी सजा के हकदार
12 वर्ष की उम्र से बड़ी करीब 1094 बेटियां भी इस वर्ष दुष्कर्म की शिकार हुई हैं। इन्हें भी न्याय का इंतजार है और इनकी मांग है कि इनके दोषियों को भी फांसी से कम सजा न मिले।
चार्जशीट पर अधिकारियों की नजर
शनिवार को कैबिनेट की स्वीकृति के बाद पॉस्को एक्ट में बदलाव की घोषणा की गई है। इसके बाद राज्य पुलिस के वरीय अधिकारी की नजर इन केसों की चार्जशीट फाइलों पर है। पुलिस कोई भी चूक नहीं करना चाहती और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का प्रयास कर रही है।
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2016-17 के आंकड़े जो बयां कर रहे हकीकत
6 से 12 वर्ष- 16 बेटियों से दुष्कर्म
12 से 16 वर्ष - 51 बेटियां बनीं हवस की शिकार
16 से 18 वर्ष - 138 बेटियों की लूटी अस्मत
18 से 30 वर्ष - 657 बेटियां की जिंदगी तबाह
30 से 45 वर्ष - 212 बेटियों की जिंदगी उजाड़ी
45 से 60 वर्ष- 36 महिलाएं का जीवन बर्बाद
खुलासे के करीब अफसाना हत्याकांड
लोहरदगा एसपी राजकुमार लकड़ा का कहना है कि अफसाना की हत्या का खुलासा जल्द ही होगा। रविवार को तकनीकी सेल की छुट्टी होने के कारण कुछ जानकारियां अटक गई हैें, लेकिन जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। पुलिस को परिवार की तरफ से सपोर्ट नहीं मिल रहा है, इसलिए वक्त तो लग रहा है लेकिन दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
न्याय में देरी पर सिटी में गुस्सा
अफसाना हत्याकांड समेत बेटियों के साथ होने वाली हिंसा के मामले में न्याय मिलने में देरी होने के कारण सिटी का गुस्सा चरम पर पहुंचता जा रहा है। अलग-अलग हिस्सों में लोग सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च कर रहे हैं और अपना विरोध जता रहे हैं।
आज भी होगा विरोध-प्रदर्शन
हिंसा मंजूर नहीं के बैनर तले मानव श्रृंखला का निर्माण किया जा रहा है। इसका आयोजन करने वाली रेशमा ने बताया कि इन मामलों पर रोकथाम लगनी चाहिए और पीडि़ता को इंसाफ्र जल्दी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमलोग शांतिपूर्ण मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कर रहे हैं। इधर, नारी शक्ति सेना ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर इसका विरोध करने की बात कही है। 23 अप्रैल से शुरू होकर यह हस्ताक्षर अभियान सिटी के अलग-अलग इलाकों में 2 मई तक चलाया जाएगा।
वर्जने
12 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के साथ होने वाली हिंसा के मामलों में पॉस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। कानून में बदलाव आया है और पुलिस का यह प्रयास रहेगा कि समाज के लिए एक उदाहरण और दोषियों के लिए एक सबक सेट किया जा सके। इन 16 मामलों में पुलिस का प्रयास रहेगा कि दोषियों को फांसी की सजा मिले।
-आशीष बत्रा, आईजी व प्रवक्ता, झारखंड पुलिस