GORAKHPUR: चार साल की मासूम बच्ची से शनिवार रात हैवानियत सामने आई है। रविवार को बच्ची सिंचाई विभाग के नलकूप खंड द्वितीय कार्यालय की गैलरी में वह बेहोशी की हाल में मिली। गले और सिर पर धारदार हथियार से चोट के निशान हैं। इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई है।

पिता उठा तो गायब थी बेटी

बिहार के सिवान का रहने वाला गौरी अपनी पत्‍‌नी गुडि़या और तीन बच्चों के साथ तीन महीने से गोरखपुर में सिंचाई विभाग मुख्य अभियंता आफिस के बगल में स्थित इमली के पेड़ के नीचे रहता है। वह यहां कबाड़ बंटोर कर बेच कर अपना और बच्चों का पेट पालता है। तीन बच्चों में पांच साल का बेटा सबसे बड़ा है। उसके अलावा चार साल की बेटी और ढाई साल का एक बेटा है। शनिवार रात में पांचों पेड़ के नीचे सोए थे। रात 12 बजे गौरी की नींद खुली तो बेटी गायब थी। परिवारीजन परेशान हो गए। तलाश करते हुए पचास कदम की दूरी पर स्थित नलकूप खण्ड द्वितीय कार्यालय की गैलरी में बेटी को बेहोशी की हालत में पाया।

सिर व गले से निकल रहा था खून

उसके सिर और गले से खून बह रहा था। बेटी के पास पत्‍‌नी को छोड़कर गौरी रेल म्यूजियम के पास स्थित मंदिर पर आया और वहां मौजूद सिपाहियों को सूचना दी। सिपाही मौके पर पहुंचे व 108 नंबर गाड़ी को सूचना दी। बच्ची को रात में जिला अस्पताल ले जाया गया। बच्ची को रात में ही जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने इलाज करने के बाद उसे छोड़ दिया। वहां से लौटा तो फिर बच्ची की तबीयत खराब हो गई। पिता ने उसे रविवार को दिन में ढाई बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वह होश में नहीं आई है। उसके सिर और गले में कैसे चोट लगा यह सवाल बना हुआ है। रविवार शाम को बच्ची के बारे में जानकारी करने कैंट इंस्पेक्टर मनोज पाठक जिला अस्पताल पहुंचे। बच्ची के साथ घटना क्या हुई है इसकी जांच की जा रही है।