रेटिंग वाच निगेटिव में पीएनबी

घोटाला उजागर होने के बाद फिच ने पीएनबी को व्यवहारिकता रेटिंग की एक श्रेणी 'रेटिंग वाच निगेटिव' में रख दिया है। इसे बैंक की रेटिंग घटाने का संकेत माना जा रहा है। इस घोटाले ने बैंक के इंटरनल और एक्सटरनल रिस्क कंट्रोल एंड मैनेजमेंट मॉनिटरिंग के तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सब पिछले कई सालों से चल रहा है और बैंक की पकड़ में नहीं आ सका। यही वजह है कि एजेंसी ने बैंक की रेटिंग पर विचार करने का निश्चय किया है।

फिच की इस रेटिंग के मायने

फिच की व्यवहारिकता रेटिंग का किसी वित्तीय संस्थान के लिए बाजार में बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस रेटिंग से उसकी ऋण विश्वसनीयता के बारे में जानकारी मिलती है। यदि यह रेटिंग खराब हो तो यह उस संस्थान के असफल होने का संकेतक होता है। जैसे जैसे चीजें स्पष्ट होंगी बैंक बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन देखने के बाद उसकी रेटिंग पर निर्णय लिया जाएगा।

सपोर्ट रेटिंग पर असर नहीं

रेटिंग एजेंसी का कहना है कि यह बैंक सरकारी स्वामित्व वाला दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। पीएनबी बैंकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि इस घोटाले से पंजाब नेशनल बैंक के सपोर्ट रेटिंग फ्लोर पर असर पड़ने की आशंका बहुत कम ही है। हालांकि घोटाले के सामने आने से बैंक की साख को धक्का जरूरी पहुंचा है। इससे बैंके पूंजी बाजार पर भी असर पड़ा है।

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