- गोरखपुर में रिक्रूटमेंट सेंटर का ब्रांच ऑफिस खोलने की तैयारी

- विदेश में नौकरी की राह होगी आसान, धोखाधड़ी से भी बचे रहेंगे युवा

- ट्रेनिंग के साथ सही जानकारी मुहैया कराएंगे सेंटर के अधिकारी

GORAKHPUR: विदेश जाकर कमाने वाले युवकों को धोखाधड़ी से बचाने की कवायद शुरू हुई है। विदेश जाने वाले युवाओं को बेहतर रोजगार के मौके देने के लिए शहर में रिक्रूटमेंट सेंटर का ब्रांच ऑफिस खुलेगा। सेंटर के जरिए अलग-अलग जिलों से नौकरी के लिए विदेश जाने वाले कामगारों को ट्रेनिंग के साथ-साथ जरूरी जानकारी मुहैया कराई जाएगी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि गवर्नमेंट की एजेंसी के जरिए युवाओं को सही जानकारी मिल सकेगी। विदेशों में उनकी योग्यता के अनुसार जॉब दिलाने में सहूलियत रहेगी। साथ ही उन्हें ठगी के जाल से बचाने के लिए पुलिस-प्रशासन आगाह करेगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि व्यापक प्रचार प्रसार के जरिए लोगों को फर्जीवाड़ा का शिकार बनने से बचाया जाएगा।

केस एक

10 फरवरी 2017 को कैंट एरिया के रेलवे स्टेशन पर फर्जी पासपोर्ट, वीजा और एग्रीमेंट का रैकेट चलाने वालों को एसटीएफ ने दबोचा। उन लोगों ने पुलिस को बताया कि सैकड़ों लोगों से करीब एक करोड़ की रकम वसूल चुके हैं। एक शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है।

केस दो

चिलुआताल एरिया के बैजनाथपुर निवासी पुरुषोत्तम को एजेंट ने विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर करीब डेढ़ लाख रुपया वसूल लिया। विदेश जाने पर उनको चरवाहा बना दिया। शिकायत करने पर उनका उत्पीड़न किया गया। किसी तरह वह लौटकर अपने गांव आए तो विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास, जिलाधिकारी सहित कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई।

हर साल 40 से अधिक मामले

जिले से हर साल बड़ी संख्या में लोग विदेश जा रहे हैं। उनका पासपोर्ट बनवाने, वीजा मुहैया कराने और बढि़या रोजगार का दावा करने वाले एजेंट्स ठगी का शिकार बनाते हैं। हर साल ऐसे 40 से 50 मामले प्रकाश में आते हैं। विदेश में रोजगार देने वाली एजेंसी खोलकर ट्रेनिंग कराने वाले एजेंट्स के बारे में किसी को सही जानकारी नहीं होती। इसका बेजा फायदा उठाते हुए कई बार फर्जीवाड़ा कर एजेंट्स फरार हो चुके हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों की शिकायत सामने आने पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। लेकिन एजेंट्स की सही जानकारी ना होने के चक्कर में उनकी तलाश में काफी प्रॉब्लम आती है।

इस तरह करते ठगी

- विदेश जाने वाले युवकों की एजेंट्स तलाश करते हैं।

- उनको जाल में फंसाकर सस्ते में पासपोर्ट, वीजा और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने को कहते हैं।

- कारपेंटर, वेल्डिंग, ड्राइविंग सहित अन्य चीजों की ट्रेनिंग के लिए फीस लेकर सर्टिफिकेट दे देते हैं।

- सर्टिफिकेट मिलने पर बेरोजगारों का भरोसा बढ़ जाता है। उनसे पासपोर्ट और वीजा का पैसा एजेंट वसूल लेते हैं।

- हवाई जहाज का टिकट, वीजा लेकर मुंबई पहुंचने पर फर्जीवाड़े की जानकारी होती है। इसके लिए पीडि़त अपने रुपए वापस कराने को पुलिस का चक्कर काटते हैं।

- कई बार विदेश पहुंचने पर दूसरी नौकरी देकर उत्पीड़न कराया जाता है। खाना-पीना, वेतन की प्रॉब्लम आने पर लोग किसी तरह लौटकर आते हैं।

- कई केसेज में कामगारों को टूरिस्ट वीजा देकर विदेश भेज दिया गया है। इस वजह से उनको प्रॉब्लम उठानी पड़ती है।

यह कदम उठाएंगे जिम्मेदार

- सुरक्षित, वैध जानकारी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिग लगाई जाएगी।

- सिनेमा हॉल, केबल टीवी, सोशल मीडिया, सामाजिक संस्थाओं के जरिए प्रचार कराया जाएगा।

- दीवारों पर वाल पेंटिंग, संदेश के जरिए आम लोगों को सुरक्षित विदेश भेजने की जानकारी दी जाएगी।

- सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाने के संबंध में जागरुकता फैलाई जाएगी।

- विदेश में नौकरी पाने के लिए सिर्फ विदेश मंत्रालय से रजिस्टर्ड भर्ती एजेंट्स के जरिए जाने को कहा जाएगा।

- फर्जी एजेंट, फर्जी संस्थाओं के जरिए जाने पर नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी।

- जिस काम के लिए जाना है, उसका प्रशिक्षण लेने की सलाह दी जाएगी।

- विदेश जाने के दौरान किसी एजेंट, संस्था से दिया गया कोई पैकेज ले जाने की सलाह देंगे।

- विदेश पहुंचकर भारतीय दूतावास से संपर्क करने के संबंध में भी जागरूक किया जाएगा।

वर्जन

इस तरह के तमाम मामले सामने आते हैं जिनमें विदेश भेजने के नाम पर ठगी की जाती है। फर्जीवाड़ा के शिकार लोगों की शिकायत पर पुलिस जांच करती है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। रिक्रूटमेंट सेंटर का ब्रांच ऑफिस खुलने से युवकों को सही जानकारी मिल सकेगी।

- विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी