- शासन के निर्देश में तैयार हो रही रूपरेखा, नए वित्तीय वर्ष से शुरू होगा कार्य

- प्रथम चरण में करीब 1.75 करोड़ पेजों को स्कैन कर किया जाएगा ऑनलाइन,

- इस काम में 84 लाख रुपये होंगे खर्च

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

मेरठ: बीती 25 सालों में हुई रजिस्ट्री का रिकॉर्ड अब आपको एक क्लिक पर मिलेगा। अति महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सहेजने की दिशा में सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है। मेरठ में आगामी वित्तीय वर्ष से रजिस्ट्री के कागजात को स्कैन करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। एक साल में करीब 1 करोड़ पेजों को स्कैन कर ऑनलाइन उपलब्ध कराने का टारगेट सरकार ने मेरठ को सौंपा है। करीब 85 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च होंगे।

क्यों पड़ी जरूरत

प्रॉपटीज की खरीद-फरोख्त के बाद मालिकान और कब्जेदार बदलते रहते हैं तो वही महत्वपूर्ण रजिस्ट्री दस्तावेज का सालों साल रखरखाव कराना निबंधन विभाग के सामने कड़ी चुनौती होती है। आमतौर पर देखा गया है कि कोर्ट केसेज के दौरान इन दस्तावेजों को निकालकर वकील आदि कई बार देखते हैं, जिससे न सिर्फ ये क्षतिग्रस्त हो रहे हैं बल्कि कभी-कभी तो डाक्यूमेंट्स में से महत्वपूर्ण कागज गायब कर दिया जाता है । सरकार का ये भी मानना है कि प्रॉपर्टी के दस्तावेज ऑनलाइन होने से फर्जीवाड़ा रुक जाएगा।

क्या है प्रक्रिया

रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण होते ही स्टांप एवं निबंधन विभाग ऑनलाइन पोर्टल पर उक्त प्रॉपर्टी का पूरा ब्यौरा अपलोड करने के साथ ही प्रथम और द्वितीय मालिकान का नाम-पता और पूरी जानकारी दर्ज करता है। इस जानकारी के साथ ही पोर्टल पर 'पूर्ण विवरण देखें' और 'स्कैंड लेखपत्र देखें' दो कॉलम हैं। पूर्ण विवरण के लिए कॉलम को क्लिक कर सकेंगे तो वहीं स्कैंड लेखपत्र देखने के लिए क्लिक करेंगे तो मैनुअल रजिस्ट्री के सभी पन्नों की स्कैन कॉपी सुरक्षित मिलेगी। विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।

25 साल को मिलेगा रिकॉर्ड

एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग की ओर से 2012 के बाद से डॉक्यूमेंट्स को स्कैन कर अपलोड करने काम हो रहा था। हालांकि कुछ दस्तावेज 2006 से ही अपडेट किए गए हैं। शासन की मंशा से अब 25 सालों की रजिस्ट्री का ब्योरा ऑनलाइन किया जा रहा है। वर्ष 1990 से लेकर 2015 तक (25 वर्ष) की रजिस्ट्री के दस्तावेजों को न सिर्फ स्कैन कर अपलोड किया जाएगा बल्कि पूरा ब्योरा भी उपलब्ध होगा।

4 कंपनियां कतार में

22 मार्च को अपर महानिरीक्षक निबंधन अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने सूबे के सभी निबंधन कार्यालयों को भेजे पत्र में डॉक्यूमेंट्स का ब्यौरा तलब किया है। वहीं शासन के निर्देश पर मेरठ में प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है। एआईजी ने बताया कि श्रीटान, अपट्रान, निक्सी और यूपीडेस्को सेंट्रल गर्वमेंट से एप्रूव्ड 4 बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों को निविदा के लिए आमंत्रित किया गया है। 2 कंपनियों की ओर से कार्य की स्वीकृति मिल गई है। डीएम बी। चंद्रकला के निर्देश पर 31 मार्च से पूर्व टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना शुरू कर दिया जाएगा।

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एक नजर में

सब रजिस्ट्रार अवशेष लेखपत्र पेजेस

मेरठ सदर 190470 5539510

मेरठ द्वितीय 191815 2753724

मेरठ तृतीय 188503 3020262

मेरठ चतुर्थ 91146 1382936

सरधना 172226 2167116

मवाना 236670 2543290

कुल 1071047 17406738

नोट:-ये आंकड़े 1 जनवरी 2000 से 31 दिसंबर 2015 तक के हैं।

यहां खंगालें

igrsup.gov.in

शासन के निर्देश पर गत 25 वर्ष की रजिस्ट्री को ऑनलाइन किया जाएगा। 1 अप्रैल से यह कार्य शुरू हो जाएगा। करोड़ों पेजों को अपलोड करने के लिए एक वर्ष का समय मिला है।

संजय श्रीवास्व, एआईजी स्टांप, मेरठ