नहीं तोड़ पाया कोई रिकॉर्ड
वीनू मांकड़ दाएँ हाथ के बल्लेबाज और बाएँ हाथ के स्पिन गेंदबाज थे। 1956 में पंकज राय के साथ मिलकर उन्होंने 413 रन की ओपनिंग साझेदारी की। उनका यह रिकॉर्ड पूरे 52 साल बाद टूटा था।

मांकड़ ने दिलाई जीत
1952 में मद्रास में खेले गए मैच में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार जीत हासिल की थी और वो भी मांकड़ की वजह से। पहली इनिंग में इन्होंने 55 रन पर आठ विकेट चटकाए थे और दूसरी में 53 रन पर चार विकेट गिराए थे।
52 साल तक नहीं टूटा इनका बनाया क्रिकेट रिकॉर्ड,रन आउट के तरीके को भी मिला इनका नाम
सबसे तेज
साल 1952 में वीरू मांकड़ हिस्ट्री में सबसे पहले प्लेयर बने थे जिन्होंने 23 टेस्ट मैचों में ही 1,000 रन स्कोर किए थे और 100 विकेट चटकाए थे। उनके द्वारा बनाया गया ये रिकॉर्ड 27 साल बाद Ian Botham ने तोड़ा था।

सारी पॉजिशन खेली
वीरू मांकड़ का नाम उन प्लेयर्स के नामों में शुमार है जिन्होंने 1 से लेकर 11 तक सभी पॉजिशन पर खेला है और 2,109 रन स्कोर करते हुए पांच सेंचुरी बनाई थी। उनका एवरेज 31.47 था।
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अंदाज-ए-आउट बना नियम
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड़ ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया की सब हैरान रह गए। मांकड़ ने गेंदबाजी करते हुए क्रीज तक पहुँचे बिना गेंद फेंकेने वाले नॉन स्ट्राइकिंग छोर की गिल्लियां बिखेर दीं। बल्लेबाज बिल ब्राउन गेंद डाले जाने के पूर्व ही रन लेने की जल्दबाजी में क्रीज छोड़ चुके थे। मांकड़ ने गिल्ली उड़ाते ही रन आउट की अपील की और अंपायर ने आउट घोषित कर दिया। बाद में यह तरीका क्रिकेट के नियमों में शामिल हो गया और इसका नाम मांकड़ आउट पड़ गया।

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