-रजिस्टर्ड बिल्डर्स व डेवलपर्स से ही बुक करायें फ्लैट या प्लॉट

-शहर भर में चल रहे हैं पांच सौ से अधिक बिल्डर्स व डेवलपर्स के प्रोजेक्ट लेकिन रजिस्टर्ड हैं सिर्फ 43

VARANASI

यदि आपकी चाहत शहर में फ्लैट या प्लॉट बुक करने की है तो रजिस्टर्ड बिल्डर्स व डेवलपर्स पर ही भरोसा करियेगा। खास कर उन बिल्डर्स व डेवलपर्स से ही फ्लैट या प्लॉट बुक करायें जिन्होंने रियल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) में अपने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराया हो। कहीं ऐसा न हो कि किसी ऐसे प्रोजेक्ट में पैसा लगा दें जिसकी मान्यता रेरा में नहीं हो। उसके बाद सिवाय पछताने के आपके पास कुछ नहीं होगा। क्योंकि फ्क् जुलाई लास्ट डेट तक रेरा में रजिस्ट्रेशन कराने वाले शहर के सिर्फ ब्फ् बिल्डर्स व डेवलपर्स ही शामिल हैं। जबकि रेरा एक्टके मुताबिक जिन बिल्डर्स व डेवलपर्स का प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड नहीं हो सका है उनका प्रोजेक्ट अमान्य माना जाएगा। सिटी में छोटे-बड़े मिलाकर पांच सौ ज्यादा बिल्डर्स व डेवलपर्स का प्रोजेक्ट चल रहा है।

स्कीम में न फंस जाना

सिटी के गली-मोहल्ले से लेकर कई कॉलोनियों में बिल्डर्स व डेवलपर्स आशियाना खड़ा कर रहे हैं। वह भी कस्टमर्स को ऐसे-ऐसे प्रलोभन और स्कीम देते हैं कि कस्टमर्स उनके जाल में फंस जाते हैं। बाद में जब पजेशन देने की बारी आती है तो पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट का पैसा किसी दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिए हैं, लिहाजा पजेशन की डेट तीन माह से छह माह तक बढ़ जाती है। सिटी में ऐसा कारनामा भी हो चुका है।

परेशान हैं बिल्डर्स

रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाले बिल्डर्स या कॉलोनाइजर को अपनी सारी डिटेल देनी है। कौन सा प्रोजेक्ट कहां चल रहा है? कितनी बुकिंग हुई समेत ढेरों जानकारी है। इन जानकारियों को जुटाने में कुछ बिल्डर्स और कॉलोनाइजर परेशान हैं तो कुछ इस परेशानी से निकल चुके हैं। यानि की वे अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जबकि अधिकतर बिल्डर्स व डेवलपर्स का प्रोजेक्ट चल रहा है लेकिन वो रेरा लागू होने के कई दिनों बाद भी अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाये हैं।

ये हैं फायदे

-प्रोजेक्ट पूरा होने और बायर्स को पजेशन देने के पांच साल बाद तक अगर स्ट्रक्चर में कोई डिफेक्ट आता है तो उसकी जिम्मेदारी बिल्डर्स की होगी

- बिल्डरों को बायर्स से लिया 70 परसेंट पैसा प्रोजेक्ट के एकाउंट में ही रखना होगा

- अब निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को तीन महीने में नियामक प्राधिकरण में रजिस्टर्ड कराना होगा

- जिन्हें कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला वो प्रोजेक्ट भी इसमें आएंगे

- रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी प्राधिकरण के पास होगी

- अब कॉरपेट एरिया पर घर बेचे जाएंगे ना कि बिल्ड-अप एरिया पर

- वायदा पूरा न करने या फिर धोखाधड़ी करने पर बिल्डर को तीन से पांच साल तक जेल हो सकती है

-शिकायत दर्ज करने पर कस्टमर्स को एसएमएस से मिलेगी इंफॉरमेशन

-गवर्नमेंट ऑफिसेज का चक्कर लगाने से भी मिल जाएगी मुक्ति

जिन बिल्डर्स व डेवलपर्स का रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था अब उन्हें क्भ् अगस्त तक का मौका मिल गया है। फ्क् जुलाई के बाद जिन बिल्डर्स का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था वे अब करा रहे हैं।

अनुज डिडवानिया

अध्यक्ष

वाराणसी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन

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लगभग है शहर में छोटे-बड़े बिल्डर्स

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बिल्डर

वाराणसी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन से हैं जुड़े

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हैं बड़े कॉलोनाइजर

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के करीब हैं छोटे कॉलोनाइजर