RANCHI: चरही से आए हेमलाल महतो मेडिसीन ओपीडी पहुंचते हैं। ताला लटकता देख पूछते हैं कि आज डॉक्टर साहब नहीं बैठे हैं क्या? दवा लेकर आने को कहा था। लेकिन यहां तो ताला बंद है। स्टाफ बताता है कि डॉक्टर साहब स्ट्राइक पर हैं। दूसरी पाली में फ् बजे के बाद मिलेंगे। वहीं खूंटी से आई दयामणि बारला भी पर्ची कटाकर मेडिसीन ओपीडी के खुलने का इंतजार कर रही हैं। एक घंटे बाद भी जब ओपीडी नहीं खुला तो उन्होंने स्टाप से पूछा। उन्हें भी तीन बजे आने के लिए कहा गया। ओपीडी में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए। दरअसल, डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ पर हो रहे हमले के खिलाफ रिम्स में मंगलवार को डॉक्टरों ने ओपीडी ठप करा दिया था। रांची समेत देशभर के डॉक्टरों ने ओपीडी बंद करने की घोषणा शनिवार को ही कर दी थी।

क्क् से फ् बजे तक ओपीडी बंद

मंगलवार सुबह आम दिनों की तरह ही ओपीडी खुला। डॉक्टर्स पेशेंट को देख भी रहे थे। इसी बीच ओपीडी खुला रहने की सूचना आइएमए और झासा के पदाधिकारियों को मिली तो वे रिम्स पहुंचे और ओपीडी बंद करा दिया। हालांकि, पीजी डॉक्टर्स काफी देर तक मरीजों को देखने में जुटे रहे। लेकिन बाद में उन्हें भी ओपीडी से बाहर निकलने को कहा गया।

मरीजों ने सुनाई अपनी पीड़ा

इलाज कराने के लिए आए हैं और ओपीडी बंद है। अब मरीज को लेकर यहीं इंतजार करना होगा। दो घंटे बाद जब ओपीडी चालू होगा तो भी डॉक्टर देखेंगे, इसकी क्या गारंटी है। लोगों ने बताया कि सुबह में तो डॉक्टर साहब बैठे थे।

आशिक

अब मरीज को दिखाने के लिए इंतजार करना होगा। बहुत परेशानी झेलकर इलाज कराने आए हैं। और यहां आने पर मालूम हुआ कि डॉक्टर साहब तो बैठे ही नहीं हैं। अब तो लगता है कि रांची में ही रुकना पड़ेगा।

शंकर रविदास

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देशभर के डॉक्टरों ने दिल्ली में दिया धरना

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से म् जून को नई दिल्ली में धरना दिया गया। जहां डॉक्टरों ने राजघाट से मार्च निकाला और फिर इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में सभा की। कहा गया कि पिछले कुछ सालों से डॉक्टरों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अगर सरकार क्8 अगस्त तक हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो देशभर में डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे। वहीं झासा के सेक्रेटरी डॉ। विमलेश सिंह ने बताया कि राज्य भर में प्राइवेट और सरकारी डाक्टरों ने समर्थन दिया है और पांच घंटे ओपीडी में काम नहीं किया।