LUCKNOW: सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले मामले पर एक्शन लेते हुए सहायक अभियंता अनिल यादव को सस्पेंड कर दिया। सिंचाई मंत्री ने बताया कि इस परियोजना में करीब 1600 करोड़ का घोटाला हुआ है। जिसमें लिप्त अन्य भ्रष्ट इंजीनियरों, अफसरों पर भी कार्रवाई होगी।

सिंचाई में होगा सोलर पॉवर का यूज

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग तालाब की स्थापना करेगा। बुंदेलखंड, विंध्याचल जैसे इलाकों में अलग से पानी की व्यवस्था की जाएगी। अपनी प्राथमिकता बताते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि हम हर हाथ को कामए हर खेत को पानी देंगे। तालाबों का संरक्षण, पुनरुद्धार का काम प्राधिकरण करेगा और बुंदेलखंड में सिंचाई परियोजना लाई जाएगी। सिंचाई में सोलर पॉवर का प्रयोग किया जाएगा।

भ्रष्ट अफसरों से होगी वसूली

धर्मपाल ने कहा कि हमारी परियोजना बहुत बड़ी है। पहले इसका 612 करोड़ बजट था जो बढ़कर 1083.73 करोड़ हो गया है। गोरखपुर में गंडक परियोजना में अनिमित्ताएं पाई हैं जिसमे अधीक्षण अभियंता आर डी यादव को दोषी पाया हैं। यह भी 200 करोड़ का घपला हैं। गंडक परयोजना की जांच के लिए 15 दिन का समय दिया है। सिंचाई विभाग की बहुत सी जमीनों पर कब्जे हैं जिन्हें खाली कराया जाएगा। सरकार उन अफसरों पर भी कार्रवाई करेगी जो रिटायर हो चुके हैं। मंत्री धर्मपाल ने कहा कि आर्थिक अनियमितता पर अभी तक प्रतिकूल प्रविष्टि मिलती थी। हम इसमें पैसों वसूली करेंगे, दोषी कोई भी हो उसे बख्शेंगे नहीं। सिंचाई में अब तक जो बेईमानी हुई उसे आगे नहीं होने देंगे।

20 हजार करोड़ की होगी परियोजना

उन्होंने कहा कि कुछ परियोजनाएं पैसा खाने के लिए बनती हैं। जो बांध ढहे हैं वह गलत एलाइनमेंट की वजह से ढहे। उन्होंने कहा कि मानक का पालन नही होने से बांध टूटते हैं। उन्होंने बताया सरकार 20 हजार करोड़ रूपये की लागत से मुख्यमंत्री सिंचाई फंड की स्थापना करेगी। इस कोष का इस्तेमाल हर खेत तक भरपूर पानी पहुंचाने में किया जाएगा। इसके अलावा धनाभाव की वजह से धीमी गति से चल रही परियोजनाओं को पूर्ण किया जाएगा। सरयू नहर, बाणसागर नहर, अर्जुन सहायक नहर और जसौली पम्प कैनाल परियोजना को अच्छी तरह से संचालित किया जाएगा।