फालोअप

- धौराटांडा से दस साल पहले चला गया था तीन भाइयों का परिवार

- भानु पत्नी मधु और दो भाइयों के साथ रहता है गांव में

BAREILLY :

धौराटांडा में चाउमीन बेचकर गुजर बसर करने वाले भानू रस्तोगी की पत्नी और रिश्तेदारों की गाजियाबाद हादसे में मौत के बाद परिजनों ने गाजियाबाद में सभी का अंतिम संस्कार कर दिया। एक साथ हादसे में हुई सात लोगों की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया। दो वर्ष की वैष्णवी के सिर से मां का साया उठ गया। अब भानू के आगे मासूम बच्ची की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई है।

शादी में जा रहे थे शामिल होने

भोजीपुरा इलाके के कस्बा धौंराटांडा में रहने वाले भानू रस्तोगी के तीन चाचा वेदराम, नन्हे लाल व पप्पू गाजियाबाद में पिछले दस वर्ष से रहते हैं। एक चाचा इंद्र प्रकाश रुद्रपुर में रहते हैं। फ्राइडे को नन्हे लाल के बेटे रवि की गाजियाबाद में शादी थी। परिवार के सभी लोग शादी में शामिल होने गाजियाबाद गए थे। भानू मासूम बेटी वैष्णवी के साथ बस में बैठे थे, जबकि उनकी पत्नी मधु उस गाड़ी में बैठी थी जो हादसे का शिकार हुई, जिसमें मधू, भानू की चचेरी भाभी रीना, चचेरी बहन रितु, भतीजी अंशिका, और चाचा नन्हे लाल व अभिराज, मोनू, नन्हे लाल के भांजी दामाद सोनू के पुत्र की मौत हो गई। मधु की मौत की सूचना गांव में पहुंचते ही घर पर मातम छा गया।

काम की तलाश में निकल गए से दस साल पहले

रामप्रकाश, वेदराम, नन्हे लाल, पप्पू और इंद्र प्रकाश पांचों भाई दस साल पहले तक गांव में एक साथ ही रहते थे। मेहनत-मजदूरी करके ही परिवार की गुजर बसर होती थी। अपना कहने को सिर्फ घर ही था, जमीन नहीं थी दस वर्ष पहले रामप्रकाश की मौत हो गई। काम की तलाश में वेदराम, नन्हे लाल और पप्पू गाजियाबाद और इंद्र प्रकाश रुद्रपुर चले गए। यहां रामप्रकाश के तीन बेटे प्रेमप्रकाश, भानु और विकास ही बचे। शादी के चलते परिवार में खुशियां थी, लेकिन हादसे में काफूर हो गई।