रूद्र प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सील करने के आदेश से बढ़ी परेशानी

नवीं व 11वीं क्लास के बच्चों ने किया दूसरे स्कूलों का रुख

ALLAHABAD: एसपी गंगापार का कहना है कि उन्हें आदेश ही रिसीव नहीं हुआ और डीआईओएस का कहना है कि उन्हें मजिस्ट्रेटी पॉवर है ही नहीं तो स्कूल सील कैसे करें? इस चक्कर में मंगलवार को फाफामऊ में स्थित रूद्र प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सील नहीं हो सका। कक्षा आठ तक की क्लासेज यहां मंगलवार को भी रुटीन की तरह लगीं। नवीं से 12वीं क्लास के बच्चों ने दूसरे स्कूलों का रुख कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि इस साल बोर्ड की परीक्षा में एपीयर होने वाले छात्रों का फॉर्म ही दूसरे स्कूल से भरवाया गया है। उनके सामने बड़ी समस्या क्लास अटेंड न कर पाना बन गया है। इसे लेकर पैरेंट्स भी परेशान हैं। असमंजस की स्थिति के चलते वह इस मामले में अभी मीडिया से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

शुरू हुआ स्टूडेंट्स का पलायन

नवीं से 12वीं तक स्कूल की मान्यता न होने और छात्रों के साथ प्रिंसिपल का क्रूर व्यवहार सामने आने के बाद बच्चों के अभिभावकों में बेचैनी है। प्रशासनिक कार्रवाई की शुरुआत के बाद स्टूडेंट्स के पलायन की प्रक्रिया शुरू हो गई। बच्चों के भविष्य को देखते हुए पैरेंट्स उनका दूसरे स्कूलों में एडमिशन कराने की कवायद में जुट गए हैं। बड़ी संख्या में पैरेंट्स ने अपने बच्चों का नाम फाफामऊ के अन्य स्कूलों में बच्चों का दाखिला करा दिया। जिससे उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए और उनके जीवन से खिलवाड़ न हो।

दूसरे स्कूलों में रजिस्टर्ड है 10वीं व 12वीं के छात्र

बगैर मान्यता के नौवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कर रहे रूद्र प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कालेज में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा चलता था। सूत्रों की मानें तो स्कूल ने बोर्ड परीक्षा में अपने स्टूडेंट्स को शामिल करने के लिए झलवा के एक स्कूल से टाईअप किया था। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा दिलाने के लिए स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन इसी स्कूल से कराया गया है। स्टूडेंट्स की क्लासेज गैरकानूनी तरीके से रूद्र प्रयाग स्कूल में ही करायी जाती थी। इस प्रकार की व्यवस्था सीबीएसई की ओर से पूरी तरीके से प्रतिबंधित है। उसके बाद भी फर्जी तरीके से स्कूल संचालित कर रहे स्कूल प्रबंधन ने सांठगांठ करके कई सालों से स्कूल का संचालन कर रहे हैं।

सील करने में पेंच

एक्चुअली किसी भी स्थान को सील किए जाने में मजिस्ट्रेट का होना अनिवार्य है। इसी के चलते मंगलवार को डीआईओएस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। डीएम ने अपना आदेश उन्हीं को सम्बोधित किया है। इस पर एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि डीआईओएस को सिर्फ स्कूल को सील करना है। डीएम ने मजिस्ट्रेट का पॉवर इस्तेमाल करते हुए यह आदेश दिया है, इसलिए सील करने की कार्रवाई के समय किसी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी जरूरी नहीं है।

स्कूल सील करने में कुछ टेक्निकल पेंच है। इस पर विमर्श के लिए बुधवार को डीएम से टाइम लिया है। इसके बाद डीएम के आदेश का अनुपालन किया जाएगा।

-आर एन विश्वकर्मा

डीआईओएस

मुझे अभी तक डीएम का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश की कापी रिसीव होते ही उस पर अमल किया जाएगा। स्कूल के प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के लिए कोशिशें जारी हैं।

सुनील कुमार सिंह

एसपी गंगापार

आप हमारा नाम छाप दोगे तो आंच हमारे बच्चे के कॅरियर पर आएगी। मुश्किल में हैं ही। कोर्स पिछड़ रहा है। क्लासेज न चलने से बच्चे परेशान हैं। साढ़े चार महीने सेशन के निकल चुके हैं। नई जगह पर नया सेलेबस, बच्चा कैसे मैनेज कर पाएगा।

अभिभावक