-बंजारावाला निवासी जीत बहादुर थापा आतंकी मुठभेड़ के दौरान हो गए थे घायल

-पांच दिनों से दिल्ली के आरआर अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ते हुए तोड़ा दम

- सोमवार शाम को दून पहुंचा पार्थिव शरीर, सैन्य सम्मान के साथ आज हरिद्वार में होगी अंत्येष्टि

DEHRADUN: देश की हिफाजत के लिए दून का एक और जांबाज सरहद पर शहीद हो गया। बंजारावाला निवासी व ब्/क्क् गोरखा राइफल्स के जांबाज नायक जीत बहादुर थापा ने पांच दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग से लड़ते हुए संडे देर रात अािखरी सांस ली। जीबी थापा राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। लेकिन बीते सात जून को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जांबाज का सिर व पिछला हिस्सा आतंकियों की गोलियों से छलनी हाे गया था।

हमले में हो गए थे गंभीर घायल

सात जून को कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए गंभीर रूप से घायल नायक जीत बहादुर को मिलिट्री अस्पताल श्रीनगर से दिल्ली स्थित सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वे पांच दिन तक जिंदगी व मौत के बीच जूझते रहे, लेकिन डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। शहीद जवान का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को दून पहुंचा। उनके पार्थिव शरीर को मिलिट्री अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। मंगलवार सुबह जवान का पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए सुबह साढ़े सात बजे तक उनके बंजारावाला स्थित आवास पर रखा जाएगा। उसके बाद हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येि1ष्ट होगी।

मां, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल

जवान की शहादत की खबर मिलते ही बंजारावाला क्षेत्र के लोग गमजदा हो गए। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद की मां व पत्नी रानी बदहवास हैं। जबकि उनकी पांच साल की बेटी मानवी व दो माह का बेटा रौनक भी पापा की शहादत पर गुमशुम हैं। जांबाज जीबी थापा के शहीद होने की खबर पर स्थानीय विधायक व नगर निगम के मेयर विनोद चमोली सहित कई लोग उनके परिजनों को ढांढस देने के लिए शहीद जवान के आवास पर पहुंचे।