- कार्रवाई में दो लाख से अधिक रकम कराई गई जमा

- स्कूल परिसर में ही की जा रही थी किताबों की बिक्री

आगरा। वाणिज्य कर की एसआईबी ने आगरा मंडल के कई जिलों में बुक सेलर्स के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। स्कूल संचालकों को मोटा कमीशन देकर मुनाफा कमाने वालों पर लगाम कसने के लिए आगरा में जहां दूसरे दिन भी सर्वे की कार्रवाई की गई, वहीं मैनपुरी में भी तीन बुक सेलर्स के यहां टीम ने दस्तक दी। आगरा में शुक्रवार को स्कूलों में संचालित बुक सेलर्स की दुकानों पर टीम ने पहुंचकर अघोषित सवा छह लाख रूपये की आय पकड़ी। इस पर हाल ही हाल 40 परसेंट टैक्स जमा कराया गया।

स्कूल में चल रही थी बुक स्टॉल

राइट टू एजुकेशन के नियमानुसार किसी भी स्कूल में बुक संचालक अपनी किताबों की बिक्री नहीं कर सकते हैं, लेकिन शहर के स्कूलों में आरटीई के इस नियम का मखौल उड़ाया जा रहा है। सेंट जॉर्जिस स्कूल में माहेश्वरी पब्लिकेशन ने अपना स्टॉल लगाया हुआ है। शुक्रवार को वाणिज्य कर की एसआईबी ने सर्वे किया तो कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। डिप्टी कमिश्नर आलोक कुमार के नेतृत्व में सुबह 11 बजे करीब ये सर्वे शुरू हुआ। इस दौरान स्टॉल संचालक से जब पूछताछ हुई कि किसकी अनुमति के आधार पर स्टॉल लगाया है तो जवाब मिला स्कूल प्रशासन की। जबकि स्कूल प्रशासन ने सिरे से नकार दिया, लेकिन स्टॉल संचालक अपने बयान पर कायम रहा। इस पर टीम को यहां किताबों की बिक्री से आया हुआ पांच लाख रूपये का कैश मिला। जिसका वह बिल या अन्य कोई प्रूफ नहीं दिखा सके। इस पर टीम ने 40 परसेंट टैक्स दो लाख रूपये तत्काल जमा कराया। बाग मुजफ्फर खां में गोविन्द बुक डिपो के बाहर लगी फड़ से 53 हजार रुपये जमा कराए।

बिना टिन के हो रही थी बिक्री

एसआईबी ने साकेत मॉल में स्टूडेंट शॉपी प्राइवेट लिमिटेड, राठी पब्लिकेशन दयालबाग, राठी बुक डिपो और राठी बुक सेंटर पर छापामार कार्रवाई की। जहां दुक ानों पर किताब खरीदने के बिल काटे जा रहे थे, लेकिन उन पर टिन नंबर अंकित नहीं था। वह सरकार के राजस्व का चूना लगा रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि उक्त दुकानों से अवश्यक दस्तावेजों को लिया गया है।