ष्ट॥न्हृष्ठढ्ढरु: वन विभाग की लाख कोशिश, मुख्यमंत्री व राज्यपाल की अपील और विभिन्न संगठनों के जागरूकता अभियान के बावजूद सेंदरा (शिकार पर्व) के मौके पर मंगलवार को दलमा अभ्यारण्य में हिरण, जंगली मुर्गी व सुअर समेत अन्य छोटे-बड़े जानवरों का शिकार हुआ। जंगल में ही आपस में शिकार का बंटवारा कर सेंदरा वीर (शिकार करने वाले) छिपते-छिपाते जंगल से निकल गए।

बचते-बचाते दलमा पहुंचें

इससे पहले दलमा क्षेत्र में सोमवार की रात सेंदरा पर्व पर सैकड़ों की संख्या में सेंदरा वीर शिकार के लिए दलमा पहाड़ पर चढ़ाई शुरू की। वन विभाग द्वारा निर्धारित सभी इंट्री प्वाइंट को छोड़कर नए रास्ते से वन अधिकारियों से बचते-बचाते दलमा पहुंचे। शिकार पर्व में बोड़ाम, माकूलाकोचा, कदमझोर, नीमडीह, गिदीबेडा, आसनबनी, रसकाडीह, जामडीह आदि क्षेत्र के शिकारी शामिल हुए। वहीं कई स्थानों पर तीर-धनुष, फरसा, बल्लव लिए सेंदरा वीरो को रोके जाने की सूचना है। वन विभाग की चाक-चौबंद व्यवस्था के बावजूद लोगों ने पंरंपरा निर्वाह करते हुए हिरण, जंगली मुर्गी, सुअर समेत अन्य वन्य प्राणियों का शिकार किया।

थी जलपान की व्यवस्था

दलमा के तराई क्षेत्र में स्थित फदलोगोड़ा में आदिवासी समन्वय समिति ने सेंदरा वीरों के लिए जलपान की व्यवस्था की थी, जिसमें चना-गुड़ और हडिया का वितरण किया गया था। इससे पहले समिति ने एक विशेष बैठक कर पंचायत स्तरीय कमेटी का विस्तार किया। इस मौके पर समिति के संयोयक रामविलास लोहरा, प्रकाश मार्डी, डोमन बास्के, आजाद शेखर मांझी, भदरू सिंह सरदार, बेनीमाधव सिंह मुण्डा, फकीर चंद्र सोरेन आदि मुख्य रूप मौजूद थे।

चला जागरूकता अभियान

पटमदा से लगती बंगाल सीमा पर दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के सदस्यों ने मंगलवार को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए सेंदरा वीरों को जागरूकता किया। ग्राम प्रधान सुभाष सिंह, महेश्वर बेसरा, रेंजर आरपी सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मचारी इस अभियान में शामिल थे।