पूर्वाचल रेलवे की तर्ज पर पश्चिम रेलवे ने की शुरुआत

स्टेशन पर पांच रूपये में मिलेगा सेनेटरी पैड

Meerut। रेलवे स्टेशन पर महिला यात्रियों की सुविधा और सेनेटरी पैड के प्रति महिलाओं की जागरुकता बढ़ाने के लिए सभी स्टेशन पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगेगी। इससे पहले यह शुरुआत पूर्वांचल रेलवे ने की थी।

सिटी स्टेशन पर सुविधा

गौरतलब है कि रेलवे वूमेंस वेलफेयर सेंट्रल आर्गनाइजेशन की तरफ से नई दिल्ली में यह योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत पश्चिमांचल रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशन पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई जाएगी। इस क्रम में मेरठ के सिटी स्टेशन का भी चयन किया गया है। पहले चरण में सिर्फ सिटी स्टेशन पर यह सुविधा मिलेगी।

पांच रूपये में पैड

रेलवे की योजना है कि महिलाओं को बाजार की तुलना में सस्ती दरों पर सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाए। इसके लिए सरकारी दाम पर पैड की उपलब्धता कराई जाएगी। दिल्ली में मात्र पांच रूपये में पैड की शुरुआत की गई है, लिहाजा सभी स्टेशनों पर 5 रूपये में ही पैड उपलब्ध कराए जाएंगे।

शौचालय के पास मशीन

सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन को महिला शौचालय के पास ही लगाया जाएगा। ताकि महिलाएं बिना संकोच के पैड ले सकें।

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अभी यह सुविधा पश्चिमांचल में देने की योजना बनाई जा रही है। इसलिए यात्रियों की संख्या के अनुसार बडे़ स्टेशन पर यह मशीन लगाई जाएगी। आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक

भस्मक से होगा सेनेटरी पैड का डिस्पोजल

सेनेटरी पैड के प्रयोग व हाइजीन बढ़ाने के लिए विभाग ने की पहल

84 लाख का बजट, लगेंगी हैंड वॉशिंग यूनिट

पैडमैन मूवी के बाद देश में सेनेटरी पैड को लेकर क्रांति आ गई हैं। लड़कियों व महिलाओं को इसकी जरूरत व हाइजीन के प्रति जानकारी दी जा रही है। इसके मद्देनजर शहर के सरकारी स्कूलों ने भी एक अलग पहल की है। लड़कियों को सुविधा देने के लिए स्कूलों में सेनेटरी पैड के डिस्पोजल के लिए इंसिनरेटर यानि भस्मक लगाएं जा रहे हैं। शासन की ओर से हाइजीन के लिए विभाग को 84 लाख रूपये का बजट दिया गया है।

ऐसे काम करेगा

पांचवी से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए इंसिनरेटर का निर्माण स्कूलों में ही किया जाएगा। यह एक प्रकार की भट्ठी है, जिसमें शौचालय के पीछे बनी खिड़की से सेनेटरी पैड फेंकने की व्यवस्था की गई है। भट्ठी में आने के बाद एकत्रित हुए पैड को इसमें जलाया जाता है। धुएं के निष्कासन के लिए इसमें चिमनी का प्रयोग किया गया है। वर्ष 2017-18 में 432 स्कूलों में से 139 स्कूलों में इनको लगाया गया था। अब 205 और स्कूलों में इनको स्थापित किया जाएगा। एक इंसिनरेटर की लागत लगभग 8000 रूपये है।

हैंड वॉशिंग यूनिट

सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए शासन ने अलग से बजट जारी किया है। बच्चों में हाथ धोने की आदत विकसित करने के लिए विभाग स्कूलों में टंकियां लगवाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस योजना के तहत एक टंकी पर करीब 13 हजार रूपये खर्च किए जाएंगे।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्कूलों में भस्मक और टंकियां लगवाई जाएगी । इसके लिए शासन की ओर से 84 लाख रूपये का बजट जारी किया है।

सत्येंद्र सिंह ढाका, बीएसए, मेरठ