RANCHI: कर्नल संकल्प शुक्ला की शहादत की यादें अखंड दीपक में जिंदा हैं। बूटी सैनिक कॉलोनी स्थित उनके आवास पर यह दीपक उनकी शहादत के दिन से ही लगातार जल रहा है। शहीद कर्नल संकल्प शुक्ला की मां सुषमा शुक्ला और पिता शैलेंद्र शुक्ला ने बताया कि दीपक कभी नहीं बुझता है। उनकी याद में ख्ब् घंटे तक यह दीपक जलता है। संकल्प की यादों के सहारे ही हम जिंदा हैं।

भ् दिसंबर ख्0क्ब् को हुए थे शहीद

जम्मू कश्मीर के बारामूला जिला के उरी आर्मी बेस कैंप पर भ् दिसंबर ख्0क्ब् को आतंकवादियों के हमले में पंजाब रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ला सहित क्क् सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। संकल्प शुक्ला रांची के रहने वाले थे। संकल्प शुक्ला ने क्भ् साल तक सेना में रह कर देश की सेवा की। वह ख्ब् पंजाब रेजिमेंट में थे। वह पंजाब और दानापुर में पदस्थापित रह चुके थे। जनवरी ख्0क्भ् में जम्मू-कश्मीर से उनकी पोस्टिंग का टर्म खत्म होनेवाला था।

आतंकियों से लिया था लोहा

उरी पावर हाउस पर हमला करने के इरादे से घुसे आतंकवादियों से लोहा लेने संकल्प शुक्ला अकेले ही कैंप से निकल गए थे। उरी बेस कैंप में उन्हें जैसे ही सूचना मिली कि आतंकवादी घुस आए हैं, वे जीप पर चार जवानों के साथ लोहा लेने निकल पड़े। जीप के आगे आगे कैस्पर व्हीकल(बुलेट प्रूफ)वाहन चल रहा था, समय कम था। इसलिए संकल्प शुक्ला कैस्पर को ओवरटेक करते हुए पावर हाउस के पास पहुंच गए और दो आतंकवादियों को मार गिराया। संकल्प शुक्ला ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगी दी। उनकी वीरता का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने शौर्य चक्र से नवाजा है।

संकल्प वाटिका में हैं शहादत की यादें

रांची कॉलेज के पास स्थित संकल्प वाटिका में शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ला का समाधिस्थल बनाया गया है। समाधिस्थल में विशेषतौर पर बारामूला के उरी बेस कैंप स्थित शहीद स्थल की पवित्र मिट्टी भी रखी गई है। संकल्प शुक्ला के पिता शैलेंद्र कुमार शुक्ला, मां सुषमा शुक्ला, पत्नी प्रिया शुक्ला ने समाधिस्थल पर पवित्र मिट्टी रखकर इसकी शुरुआत की थी। पिता शैलेंद्र शुक्ला इसके लिए खास तौर पर उरी स्थित शहीद स्थल गए थे, और मिट्टी लेकर रांची पहुंचे थे। इसके बाद विधि विधान से भूमि पूजन कर समाधिस्थल बना था।

क्भ् अगस्त को हो शहीद संकल्प पथ का नामकरण

संकल्प शुक्ला की शहादत से रांची का नाम ऊंचा हुआ है। लेकिन उनके नाम से रांची में किसी भी सड़क का नामकरण नहीं किया गया है। पिछले साल ही राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि संकल्प शुक्ला की शहादत का सम्मान करते हुए उनके नाम से सड़क होगी। सबसे पहला प्रस्ताव तो बूटी स्थित सैनिक कॉलोनी के रास्ते का ही था, लेकिन नगर निगम एरिया में नहीं होने की वजह से यह नहीं हो सका। इसके बाद खेलगांव, लालगंज होते हुए टाटीसिलवे की ओर जाने वाले रास्ते को शहीद संकल्प शुक्ला के नाम से रखे जाने का प्रस्ताव आया, लेकिन अभी तक इसे अमली जामा पहनाया नहीं जा सका है। संकल्प शुक्ला की मां का कहना है कि क्भ् अगस्त को इसकी घोषणा होती, तो अच्छा लगता।