-कोतवाली पर किया जोरदार प्रदर्शन, केंद्र सरकार के खिलाफ लगाए नारे

-नुकसान के बावजूद पीछे हटने को तैयार नहीं व्यापारी

ALLAHABAD:

सर्राफा कारोबारियों ने अपनी मांगों को लेकर आर या पार का फैसला कर लिया है। प्रदर्शन, सड़क जाम, रेल रोको आंदोलन के बाद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे शनिवार को गिरफ्तारी देने के लिए कोतवाली पहुंच गए। उन्होंने गिरफ्तारी के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। आरोप लगाया कि सरकार की नीति व्यापारी विरोधी है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर इसके बाद भी एक्साइज डयूटी वापस नहीं ली गई तो वे उग्र आंदोलन को भी मजबूर हो सकते हैं।

आरपार की लड़ाई को तैयार

सरकार झुकने को तैयार नहीं है, तो सर्राफा कारोबारी भी आरपार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को प्रयाग सर्राफा मंडल के बैनर तले सैकड़ों सर्राफा कारोबारी व कारीगर चौक बाजार में एकजुट हुए। अध्यक्ष कुलदीप सोनी व कोषाध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए कोतवाली पहुंचे और फिर यहां जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

एसपी सिटी को सौंपा ज्ञापन

व्यापारियों ने कहा कि सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं कर सकती है तो फिर हमें गिरफ्तार करके जेल में डाला जाए। एसपी सिटी राजेश यादव भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कारोबारियों से बात की। कारोबारियों ने विरोध स्वरूप कोतवाली में एसपी सिटी की मौजूदगी में गिरफ्तारी दी। आंदोलन में संजय वर्मा, विशाल वर्मा, रविंद्र वर्मा, विनय मिश्रा, विकास वर्मा, राम मोहन शर्मा, लाली सरदार, पप्पन वर्मा, रामबाबू वर्मा आदि शामिल रहे।

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बढ़ रहा है घाटे का आंकड़ा

लगातार 32 दिन से चल रहे आंदोलन व सर्राफा कारोबार की बंदी से अब तक अरबों रुपये का घाटा लग चुका है। माना जा रहा है कि करीब 600 करोड़ रुपये का टर्न ओवर प्रभावित हुआ है। जबकि 20 हजार से अधिक कारीगरों का परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। कई कारीगर तो परिवार के साथ इलाहाबाद छोड़ चुके हैं। बड़े सर्राफा कारोबारियों की हालत भी खस्ता है।