- विकास प्राधिकरण की ओर से अभी तक ड्रोन का लिया जा रहा था सहारा

- वीसी ने उठाया कदम, प्राधिकरण की ओर से लाइसेंस के लिए किया गया आवेदन

LUCKNOWएलडीए की ओर से अपनी संपत्तियों का पता लगाने के लिए जल्द ही इसरो से भी मदद ली जाएगी। इसरो सैटेलाइट से प्राप्त होने वाली इमेज से यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि प्राधिकरण की कितनी जमीनों पर अवैध कब्जे हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण की ओर से अपनी जमीनों को खाली कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

ड्रोन का सहारा

प्राधिकरण की ओर से अभी तक ड्रोन की मदद से अपनी संपत्तियों को तलाशने की कवायद की जा रही थी। इस कदम से उम्मीद के अनुरूप परिणाम सामने नहीं आ सके। इतना ही नहीं ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण के दौरान कई व्यवधान भी आए। जिसके बाद यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई।

हर जोन में अवैध कब्जे

यह पहले से ही स्पष्ट है कि प्राधिकरण के सभी जोन में अवैध कब्जों की समस्या है। प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्तों की ओर से समय-समय पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए कार्रवाई तो की जाती है, इसके बावजूद प्राधिकरण की जमीनें अवैध कब्जों से पूरी तरह से मुक्त नहीं हो पाती हैं।

कानपुर रोड पर अधिक कब्जे

प्राधिकरण की ओर से हाल में ही अवैध कब्जों को लेकर रिपोर्ट तैयार कराई गई थी। इस रिपोर्ट से यह बात साफ हो चुकी है कि प्राधिकरण की कानपुर रोड पर स्थित जमीनों पर सबसे ज्यादा कब्जे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कब्जे के रूप में प्राधिकरण की जमीनों पर आवासीय इमारतें बनकर तैयार हो गई हैं। जिसकी वजह से अब प्राधिकरण के सामने दोहरी चुनौती है। इसकी वजह यह है कि आवासीय बस्ती को हटाने के लिए प्राधिकरण को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।

अब इसरो की मदद

प्राधिकरण की अन्य जमीनों को तलाशने के लिए अब प्राधिकरण की ओर से इसरो की मदद लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिससे प्राधिकरण के अधिकारी हर उस जमीन तक पहुंच सके, जो प्राधिकरण की है और उस पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। इसरो की सैटेलाइट से प्राप्त होने वाले इमेजेस से अवैध कब्जों से जुड़ी स्थिति साफ हो सकेगा। इसके बाद इन जमीनों को खाली कराने के लिए प्राधिकरण की ओर से नए सिरे से रणनीति बनाई जाएगी फिर कार्रवाई की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।

फैक्ट फाइल

प्राधिकरण के कुल जोन-6

हर जोन में अवैध कब्जे-20 से 30 फीसदी

सर्वाधिक कब्जे-कानपुर रोड पर

हर महीने खाली कराई जाती जमीनें-10 से 15

लाइसेंस के लिए आवेदन

मिली जानकारी के अनुसार, प्राधिकरण की ओर से इसरो की मदद लेने के लिए लाइसेंस संबंधी आवेदन भी कर दिया गया है। इसके साथ ही प्राधिकरण के अधिकारी इसरो के अधिकारियों के संपर्क में भी हैं। संभावना है कि जल्द ही सैटेलाइट इमेजेस की दिशा में कवायद शुरू कर दी जाएगी।

कोट

प्राधिकरण की ओर से अपनी संपत्तियों को तलाशने के लिए इसरो की भी मदद लेने संबंधी तैयारी की जा रही है। इसरो सैटेलाइट से प्राप्त होने वाली इमेजेस से अवैध कब्जों से जुड़ी स्थिति बेहतर तरीके से साफ हो सकेगी। फिलहाल प्राधिकरण की ओर से लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है।

प्रभु नारायण सिंह, उपाध्यक्ष,

लखनऊ विकास प्राधिकरण