अनुराग ठाकुर ने मांगी माफी

अनुराग ठाकुर ने कोर्ट से दोनों आरोपों के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी। शुक्रवार को ठाकुर को इस मामले में माफी मिल गई। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को लोढ़ा कमेटी की सिफारिश लागू करने में अड़चन डालने के लिए उनके पद से बर्खास्त कर दिया था। उस वक्त उन्हें अवमानना का नोटिस जारी किया गया था। साथ ही कोर्ट को जान-बूझकर गलत जानकारी देने के लिए मुकदमा चलाने पर जवाब मांगा गया था।

हां कहने पर मिली माफी

अनुराग ठाकुर शुक्रवार को दोपहर 2 बजे कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने पहले बीसीसीआई से जुड़े दूसरे मामले सुने। 3.15 बजे कोर्ट ने ठाकुर के वकील पी एस पटवालिया की बातें सुनीं। पटवालिया ने बिना शर्त काफी मांगने का हलफनामा पढ़ा। बीसीसीआई मामले में एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट को माफी मंज़ूर कर लेने की सलाह दी। 3 जजों की बेंच के अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा ने पीछे खड़े हुए अनुराग ठाकुर को आगे बुलाया। उनसे पूछा की कि क्या वो हलफनामे में लिखी बातों से सहमत हैं। ठाकुर के हां कहने के बाद कोर्ट ने उन्हें माफ कर दिया।

श्रीनिवासन और शाह को नोटिस

वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह को नोटिस जारी किया। दोनों पर कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स ने सुधार लागू करने में अड़चन डालने का आरोप लगाया है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी पद के लिए अयोग्य ठहराए गए श्रीनिवासन और शाह ने राज्य क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के तौर पर बीसीसीआई के एसजीएम में हिस्सा लिया था। वहां उन्होंने सुधारों पर आम सहमति बनाने में बाधा डाली। जान-बूझकर समय खराब किया और वहां मौजूद सदस्यों को भड़काया।

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