आगरा। शहर के एसएन मेडिकल कॉलेज में 14 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले संस्थान यूपी सिडको का नया कारनामा सामने आया है। इससे पहले प्रिंसिपल के फर्जी साइन कर पेमेंट लेने का वाली एजेंसी ने इस बार शासन के टेंडर की शर्ते ही बदल दी। इसकी जानकारी मिली तो शासन ने एजेंसी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।


सेंट्रल स्टरलाइजेशन सेंटर के लिए बनाई फर्जी लिस्ट

एसएन मेडिकल कॉलेज की नई सर्जरी बिल्डिंग में ढ़ाई करोड़ की लागत से सीएसएसडी (सेंट्रल स्टरलाइजेशन एंड सप्लाई डिपार्टमेंट) विकसित किया जाना था। इसे बनाने का काम यूपी सिडको को मिला था। टेंडर के मुताबिक एजेंसी को स्टरलाइजेशन यूनिट के लिए महंगा सामान जैसे सिंगल एंड डबल डोर वर्टिकल, ऑटो लेव, ईटीओ स्टारलाइजर आदि मंगाना था। लेकिन एजेंसी ने अपनी ओर से शासन की फर्जी लिस्ट बना ली जिसमें महंगे सामान को गोल कर दिया गया और सीएसएसडी के लिए नया सामान लिख दिया गया।

 

फर्जी लिस्ट पर डीजी के साइन

नए सामान की फर्जी लिस्ट एजेंसी ने अस्पताल प्रशासन को दी। इस लिस्ट में डीजी डॉ। वीएन त्रिपाठी, प्रोजेक्ट की कमेटी के साइन थे। जब अस्पताल प्रशासन को नई लिस्ट मिली तो उन्हें लिस्ट देखकर शक हुआ। अस्पताल प्रशासन ने लिस्ट प्रमाणित करने के लिए शासन को भेजा तो वहां से लिस्ट को फर्जी बताया गया। शासन ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि एजेंसी के खिलाफ जांच की जाए और एफआईआर दर्ज कराई जाए। मामले की जांच एसआईसी डॉ। अजय अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही है। इस टीम में डॉ। एसके मिश्रा और वित्त नियंत्रक भी रहेंगे।

 

इससे पहले भी कर चुकी घोटाला

यूपी सिडको का यह कोई नया घोटाला नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने एसएन के पूर्व प्रिंसिपल डॉ। एसके गर्ग के फर्जी साइन कर प्रोजेक्ट का बजट लेने की कोशिश की है। इस मामले में भी एजेंसी पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। यूपी सिडको द्वारा अस्पताल प्रशासन में 14 करोड़ के चार प्रोजेक्ट बनाए जाने हैं। चारों प्रोजेक्ट का बजट लेने के लिए एजेंसी ने प्रिंसिपल के फर्जी साइन कर फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र बनाया था।