RANCHI: सावन की दूसरी सोमवारी को शहर के पहाड़ी मंदिर और शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इसके अलावा खूंटी के आम्रेश्वरधाम में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने आयेंगे। स्वर्णरेखा मंदिर के तट से जल लेकर कांवरियां बोल बम का नारा लगाते हुए पहाड़ी मंदिर पहुंचेंगे। यहां सावन की दूसरी सोमवारी को अहले सुबह सरकारी पूजा के बाद तीन बजे से मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इधर, रविवार की देर रात से ही पूरे शहर में बोल बम के जयकारे गूंजने लगे। विभिन्न इलाकों से लोग स्वर्णरेखा से जल भर कर बोल बम का जयकारा लगाते हुए पहाड़ी मंदिर की ओर बढ़ते नजर आए।

भ्0 हजार तक आ सकते हैं श्रद्धालु

पहाड़ी मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को लगभग ब्0 हजार शिवभक्तों ने देवाधिदेव शिव का जलाभिषेक किया था। इसबार यह संख्या भ्0 हजार तक जा सकती है। इस संबंध में रांची पहाड़ी मंदिर विकास समिति के सदस्य मदन पारिक ने बताया कि दूसरी सोमवारी को भ्0 हजार भक्तों के आने की उम्मीद है। शिवभक्त यहां अरघा सिस्टम से जलाभिषेक करेंगे। सुबह तीन बजे से मंदिर के कपाट खोल दिये जायेंगे। यहां हिन्दू क्रांति सेना शिवभक्तों के बीच दूध बांटेगी। वहीं सदर अस्पताल की मेडिकल टीम भी मौजूद रहेगी। मंदिर की सुरक्षा के लिए फ्00 की संख्या में पुलिसकर्मी रहेंगे। इसके अलावा मंदिर विकास समिति के सदस्य और आरएसएस के सदस्य भी व्यवस्था की कमान संभालेंगे।

सोमवार को शिव पूजन क्08 गुणा लाभकारी

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव पांडेय ने बताया कि सावन सभी महीनों में उत्तम मास है। सावन माह में भगवान शिव की आराधना से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जलाभिषेक से अंत:करण शुद्ध होता है और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। इस महीने में वे अपने भक्तों पर पूरी कृपा बरसाते हैं। सावन के महीने में हर सोमवार को किया जानेवाला शिवपूजन आम दिनों की तुलना में क्08 गुणा शक्तिशाली और प्रभावशाली होता है।

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चुटिया में बन रहा विशाल शिवलिंग

सावन के महीने में चुटिया के केतारी बगान में स्वर्णरेखा नदी के किनारे विशाल शिवलिंग बनकर तैयार हो रहा है। इस शिवलिंग की ऊंचाई लोगों को आकर्षित कर रही है। वहीं, रविवार को प्राचीन श्रीराम मंदिर चुटिया में भगवान शिव का रुद्राभिषेक और भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान आनेवाले सभी शिवभक्तों और कांवरियों का स्वागत किया गया। यहां सभी कांवरियों और शिवभक्तों ने भगवान शिव की पूजा की और सभी पहाड़ी मंदिर के लिए रवाना हुए।

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सावन की सोमवारी को भगवान शिव के जलाभिषेक से मिलनेवाला फल आम दिनों की तुलना में क्08 गुणा अधिक फलदायी और प्रभावशाली होता है।

-पं। रामदेव पांडेय, ज्योतिषाचार्य