दीवानी, विकास भवन, तहसील में भी हालत मिले बुरे

सिक्योरिटी गार्ड के नाम पर सभी स्थानों पर मात्र खानापूर्ति

आगरा। न्याय के भवन में ही सब सुरक्षा का अभाव हो तो और किसी विभाग में सुरक्षा की बात करना बेकार है। विधान सभा में विस्फोटक मिलने के बाद प्रशासन को अलर्ट हो जाना चाहिए लेकिन यहां पर कई विभागों में सुरक्षा के नाम पर मजाक हो रहा है। कोई कहीं से आकर किसी भी गेट से आसानी से निकल सकता है। यहां पर विस्फोट करना किसी भी आसामाजिक तत्व के लिए बहुत ही आसान है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब सर्वे किया तो सच्चाई सामने आई।

किसी भी गेट से करें एंट्री

दीवानी कचहरी के चार गेट हैं जिसमें से मात्र एक गेट पर पुलिस का सिपाही तैनात है। इसके अलावा किसी गेट पर सिक्योरिटी गार्ड तक नहीं। गेट के पास सीसीटीवी तो हैं लेकिन कैंपस में एक भी कैमेरा नहीं है। अंदर लाखों की संख्या में लोग रोज आते हैं और जाते हैं। इतनी भीड़ में कोई भी अंदर आकर आपराधिक गतिविधि कर सकता है।

पीछे के गेट से है रास्ता

यहां पर एक और भी गेट है जो पीछे की तरफ से है। इस तरफ न तो सीसीटीवी कैमरा है और न ही यहां पर को सिक्योरिटी है। कोई भी व्यक्ति आसानी से सामान रख कर इस गेट से बाहर निकल सकता है। यहां से जाने पर किसी की निगाह उस पर नहीं पड़ेगी चूंकि यहां पर चहल-पहल भी कम रहती है।

कई बार हो चुकी हैं घटनाएं

दीवानी में कई बार बंदी चाकू, ब्लैड लेकर आ चुके हैं। बंदियों के हाथ में बाहर से आकर कोई मिर्ची पाउडर थमा देता है। जब इस तरह की चीजें आ सकती हैं तो विस्फोटक लेकर आने में कोई दिक्कत नहीं होगी। साथ ही यहां पर कोई डिटेक्टर नहीं है। पहले यहां पर करीब 5 मेटल डिटेक्टर थे लेकिन धीरे-धीरे एक के बाद वह गायब हो गए।

संजय प्लेस स्थित विकास भवन पर नजर डाली जाए तो यहां पर तमाम खामिया नजर आ जायेंगी। यहां पर अंदर आने के लिए दो गेट हैं। दोनों ही गेट पर सुरक्षा नहीं है। यहां पर पीछे की तरफ सामुदायिक शौचालय बना हुआ है। वहां से भी लोगों का आना जाना बना रहता है जबकि वहां पर लिखा हुआ है कि यह आम रास्ता नहीं है। ऐसे में यहां पर कोई कभी भी आ कर जा सकता है।

यहां पर रजिस्ट्री कराने वाले, प्रमाणपत्र बनवाने वाले लोगों की भीड़ सैंकडों की संख्या में रोज जुटती है। यहां आने के लिए तीन गेट हैं लेकिन यहां पर कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं है इसके अलावा कहीं भी कोई सिक्योरिटी कैमरा तक नहीं है। यहां पर आने वालों के हाथ में बैग या थैला लगा होता है। अब किस थैला में क्या है किसी को क्या पता। यहां पर मेटल डिटेक्टर भी नहीं है।