- पेपर लीक कांड में पुलिस भर्ती बोर्ड की लापरवाही आ रही सामने

- ऑनलाइन पेपर कराने वाली कंपनी के संविदा कर्मचारी शक के दायरे में

- कॉलेजों का नहीं हुआ बैकग्राउंड वैरीफिकेशन, कर्मचारियों का डाटा भी नहीं

<

- पेपर लीक कांड में पुलिस भर्ती बोर्ड की लापरवाही आ रही सामने

- ऑनलाइन पेपर कराने वाली कंपनी के संविदा कर्मचारी शक के दायरे में

- कॉलेजों का नहीं हुआ बैकग्राउंड वैरीफिकेशन, कर्मचारियों का डाटा भी नहीं

LUCKNOW :

LUCKNOW :

दारोगा भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने में भर्ती बोर्ड की लापरवाही सामने आ रही है। मामले की शुरुआती जांच में सामने आया है कि भर्ती बोर्ड ने आनन-फानन में तमाम कॉलेजों को सेंटर तो बना दिया लेकिन, उनका बैकग्राउंड वैरीफिकेशन नहीं कराया। इतना ही नहीं, हमेशा की तरह कॉलेज में होने वाली परीक्षा के दौरान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का भी वैरीफिकेशन नहीं कराया गया था। वहीं जिस प्रतिष्ठित कंपनी को ऑनलाइन पेपर कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, उसने आउटसोर्सिग के जरिए तमाम कर्मचारी तैनात किए थे जो परीक्षा प्रक्रिया का काम भी देख रहे थे। इन हालात में पेपर किस जगह से लीक हुआ, यह पता लगा पाना न केवल मुश्किल हो रहा है बल्कि दोषियों को चिन्हित करना भी आसान नहीं रह गया है।

कंपनी के संविदा कर्मियों पर शक

पेपर लीक कांड में एसटीएफ का शक लगातार कंपनी के संविदा कर्मचारियों पर गहराता जा रहा है। इन कर्मचारियों को सर्वर एक्सेस करने की अनुमति थी जिसकी वजह से वह शक के दायरे में आ रहे हैं। एसटीएफ को अंदेशा है कि इनमें से किसी एक कर्मचारी ने सर्वर की सिक्योरिटी की कमजोरियों का फायदा उठाकर इस घटना को अंजाम दिया। एसटीएफ ने ऑनलाइन पेपर प्रक्रिया से जुड़े कंपनी के हर कर्मचारी का रिकॉर्ड भी तलब कर लिया है और उनकी गहनता से जांच की जा रही है। फिलहाल एसटीएफ की जांच के दायरे में परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े कंपनी के सभी अधिकारी व कर्मचारी हैं। साथ ही जिन कॉलेजों को सेंटर बनाया गया था, उनके यहां पूर्व में पेपर लीक होने के मामलों को भी खंगाला जा रहा है। फिलहाल एसटीएफ पूरे मामले की बेहद गोपनीय तरीके से जांच कर रही है। इस मामले में दर्ज एफआईआर को भी सार्वजनिक करने से बचा जा रहा है।

फॉरेंसिक जांच को भेजा जाएगा डाटा

पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर चुकी एसटीएफ ने गुरुवार को भी कंपनी के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन पेपर प्रक्रिया के हर पहलू को खंगाला। साथ ही प्रक्रिया से जुड़ी तमाम जानकारियों का सर्वर पर अपलोड किया गया डाटा भी तलब किया। एसटीएफ ने इस डाटा का एनालिसिस करना शुरू कर दिया है और जल्द ही इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजा जाएगा। एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो इस पूरी प्रक्रिया में खासा वक्त लगेगा, इसके बाद ही इस मामले के असली गुनहगार का पता लगाया जा सकेगा।