सीबीएसई की आंखों में धूल झोंक कर चला रहे विद्यालय

बोर्ड परीक्षा में दूसरे स्कूलों के सहारे चल रहा चीटिंग का खेल

ALLAHABAD: शिक्षा माफियाओं के आगे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की प्लानिंग बौनी ही साबित होती है। ये बात अभी तक यूपी बोर्ड के साथ लागू होती थी, लेकिन अब ऐसा ही हाल सीबीएसई बोर्ड का भी होता जा रहा है। रूद्र प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कालेज का मामला सामने आने के बाद सीबीएसई के दावों की पोल खुल गई। यहां भी शिक्षा माफिया अपना साम्राज्य बिना किसी रोक टोक के बड़ी ही आसानी से चला रहे है।

मेंटरिंग एंड मानिटरिंग सिस्टम फेल

स्कूलों की मानिटरिंग के लिए सीबीएसई की ओर से करीब चार साल पहले सभी शहरों के कुछ स्कूलों को कोआर्डिनेटर बनाया गया था। इन स्कूलों पर कुछ स्कूलों की मानिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें स्कूल में रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स की संख्या, स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए मिलने वाली सुविधाएं, टीचिंग क्वालिटी समेत अन्य कार्यो को देखना था। जिससे उन स्कूलों पर नकेल कस सके जो गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों का रजिस्ट्रेशन अपने स्कूल से दिखाकर बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का मौका देते है। इस व्यवस्था के जरिए सीबीएसई फेक स्टूडेंट्स को रोकने का दावा करती थी। पिछले दिनों रूद्र प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कालेज में फर्जी तरीके से नौवीं से 12वीं तक के स्कूल का संचालन और बोर्ड परीक्षा के लिए दूसरे स्कूल के साथ मिलकर हो रहे खेल का खुलासा होने के बाद सीबीएसई के पूरे सिस्टम पर ही सवाल उठने लगे। इस बारे में सीबीएसई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ कहने से इंकार कर दिया। यह स्थिति तब है जब बोर्ड का रीजनल ऑफिस ही इलाहाबाद है। यहां से यूपी के 58 जिले डील होते हैं।