-दून में 255 पुरुषों की तुलना में 805 महिलाओं ने ली ट्रेनिंग

-महिलाएं बुटीक, ब्यूटी पॉर्लर, हैंडीक्राफ्ट में करना चाहती हैं रोजगार

-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत दी जा रही है स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग

DEHRADUN: स्वरोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकासस) में दून की महिलाओं ने पुरुषों को काफी पीछे छोड़ दिया है। आंकड़े बताते हैं कि खुद के रोजगार के लिए महिलाओं में खासी दिलचस्पी है। यही वजह है कि महिलाएं अपने घरेलू काम धंधे को छोड़कर स्वरोजगार के लिए कौशल विकास में खासी दिलचस्पी ले रही हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि एक साल में जहां स्किल डेवलपमेंट के लिए 80भ् महिलाओं ने ट्रेनिंग ली। वहीं बदले में पुरुषों की संख्या महज ख्भ्भ् तक ही सिमट गइर्

महिलाओं की बढ़ रही संख्या

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत तीन लाख की आय से कम वाले महिलाओं व पुरुष को स्किल डेवलपमेंट के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। दून में केंद्र सरकार की इस योजना के अनुसार इसकी शुरुआत ख्0क्ब् से हुई। शुरुआत में महिला व पुरुषों में स्किल डेवलपमेंट की खास दिलचस्पी नहीं दिखी। लेकिन उसके बाद साल-दर-साल आंकड़ा बढ़ता गया। नगर निगम स्थित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यालय के अनुसार ख्0क्म्-क्7 में क्0म्0 महिला पुरुषों ने स्किल डेवलपमेंट में भाग लिया। बीते वित्तीय वर्ष में जहां ख्भ्भ् पुरुषों ने कौशल विकास की ट्रेनिंग ली। वहीं महिलाओं की संख्या 80भ् तक पहुंची है। सिटी मिशन मैनेजर विजय नेगी का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष ख्0क्7-क्8 में आजीविका मिशन के तहत क्800 लोगों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक आने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा ही नजर अा रही है।

बुटीक में दिचलस्पी

महिलाओं को स्किल डेवलपमेंट के तहत एक्सप‌र्ट्स के जरिए ब्यूटी पार्लर, गारमेंट्स मेकिंग, हैंड क्राफ्ट्स, बुटीक आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है। बताया गया है कि ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं में जनरल के ब्0फ्, एससी के क्फ्म्, एसटी के ब्ख्, ओबीसी के म्क्, माइनोरेटी के क्म्फ् की महिलाएं शामिल रहीं। जबकि फिजिकली हैंडीकैप्ड महिलाएं शामिल नहीं रही। इसी प्रकार से पुरुषों में स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग लेने वालों में जनरल के क्भ्9, एससी के ब्क्, एसटी के क्ख्, ओबीसी के ख्क्, माइनोरेटी के क्9 व हैंडीकैप्ड पुरुषों की संख्या तीन रही है।

फ्0ब् लोगों को मिला लोन

इसी मिशन के तहत सेल्फ इंप्लाएमेंट के लिए अधिकतम दो लाख रुपए का लोन भी दिया जा रहा है। जिसमें सात परसेंट आवदेनकर्ता को ब्याज देना पड़ेगा और सात परसेंट मिशन की तरफ से पूर्ति की जाएगी। स्वरोजगार के लिए लोन लेने वालों की संख्या बीते वित्तीय वर्ष में फ्0ब् रही। जबकि स्वरोजगार के लिए लोन के लिए आवेदन करने वालों की संख्या भ्7ब् थी। सिटी मिशन अधिकारियों के अनुसार लोन में भी महिलाएं खास दिचलस्पी दिखा रही है।