पर्यावरण से सीधे ऊर्जा
शोधकर्ताओं के अनुसार, बैटरी टेक्नोलॉजी पर आधारित और ब्लैक फास्फोरस से निर्मित यह ऊर्जा पैदा करने वाली प्रणाली है। यह इंसानों की हल्की गति से भी पडऩे वाले दबाव में कम मात्रा में बिजली पैदा कर सकती है। अमेरिका की वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर कैरी पिंट ने कहा, 'मुझे आने वाले समय में उम्मीद है कि हम स ाी अपनी निजी डिवाइस के लिए ऊर्जा का भंडा होंगे। अपनी गति और पर्यावरण से सीधे ऊर्जा प्राप्त करेंगे।'

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बेहद चुनौतीपूर्ण काम

शोधकर्ताओं ने बताया कि मनुष्यों की गति से ऊर्जा पैदा करने के दूसरे उपायों की तुलना में नई विधि से दो बुनियादी फायदे हैं। इसमें इस्तेमाल पदार्थ काफी पतला है और कपड़े पर बिना कोई असर डाले दस हट्र्स से भी धीमी गति से ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और भारतीय मूल के नितिन मुरलीधरन ने कहा कि इस तरह की नि न गति में भी उपयोग लायक ऊर्जा प्राप्त करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है।
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