- मेरठ के तीन खिलाडि़यों को भूले क्रीड़ा भारती आयोजन समिति

- सीसीएसयू में गुरुवार को हुआ था राज्यपाल द्वारा खिलाडि़यों के माता-पिता का सम्मान

Meerut : क्रीड़ा भारती मेरठ प्रान्त ने बडे़ धूमधाम से सीसीएस यूनिवर्सिटी में देश का नाम रोशन करने वाले मेरठ के खिलाडि़यों के माता-पिता सम्मान किया। जाहिर है ये काबिले तारीफ है। लेकिन खेल और खिलाडि़यों के लिए इतना कुछ करने वाली ये संस्था अपने मेरठ के कुछ ऐसे खिलाडि़यों और उनके माता-पिता को भूल गई, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। ऐसे में इस कार्यक्रम पर सवालिया निशान तो उठना ही है।

कर्ण शर्मा

किसी से छुपा नहीं है कि कर्ण शर्मा का मेरठ के लिए क्या योगदान है। कर्ण ना सिर्फ आईपीएल में हैदराबाद टीम की ओर से खेलते आए है, साथ ही इंग्लैंड दौरे पर टी-ख्0 मैच खेलकर टीम इंडिया में भी पर्दापण कर चुके हैं। इतनी बड़ी खेल की शख्सियत को आखिरकार क्रीड़ा भारती भूल गई। जबकि कर्ण शर्मा मेरठ में ही कंकरखेड़ा बाइपास स्थित एक कॉलोनी में रहते हैं। कर्ण शर्मा से लेकिन संपर्क ही नहीं किया गया।

मो। असब

मो। असब वो नाम है जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेरठ की शूटिंग को नया मुकाम दिलाया। खास बात ये है कि देश के टॉप डबल ट्रैप शूटरों में शामिल मो। असब ने हाल ही में कॉमनवेल्थ खेलों में भी कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा भी तमाम अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में असब अपना कमाल दिखा चुके हैं। इसी के साथ फिलहाल एशियन गेम्स में भी जैदी फार्म के असब देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

अन्नू रानी

अन्नू रानी ने बेहद कम समय में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी की उड़ान भर दी है। एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतने के बाद अन्नू ने कॉमनवेल्थ खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया। अब सरधना के गांव की ये जैवलिन थ्रोअर एशियन गेम्स में देश को मेडल जीतने के लिए पहुंच चुकी है।

सीमा पूनिया

सीमा पूनिया भले ही हरियाणा की ओर से देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। लेकिन वो मेरठ की बहू हैं और सकौती टांडा में रहती है। सीमा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था और वो भी एशियन गेम्स में डिस्कस थ्रो में देश को मेडल दिलाने में जुटी हुई हैं।

गरिमा चौधरी

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेरठ को सम्मान दिलाने की बात हो, तो उसमें गरिमा का नाम कैसे भूला जा सकता है। कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में गरिमा ने देश का नाम रोशन किया। उत्तर प्रदेश के रूखे रवैय्ये की वजह से ही गरिमा हरियाणा से खेलने पर मजबूर हुई। गरिमा ख्0क्ख् की ओलंपियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं।

रवि कुमार

शूटिंग में मेरठ के मवाना के रवि कुमार ने भी देश का नाम रोशन किया है। कॉमनवेल्थ गेम्स में जहां रवि कुमार शूटिंग के क्0मी एयर राइफल इवेंट में मेडल से चूक गए थे, तो एशियन गेम्स में इस शूटर ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। फिर भी इस खिलाड़ी के माता-पिता को इस इवेंट के लिए संपर्क नहीं किया गया।