-प्रदेश में समान पाठयक्रम की बताई जरूरत, एबीवीपी को प्रस्ताव बनाने को कहा

LUCKNOW

कत्ल के लिये पशु बाजार से मवेशियों की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में केरल में 'बीफ-फेस्ट' का आयोजन करने की सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ी आलोचना की है। सीएम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के दौरान आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जेएनयू-डीयू की घटनाओं पर बोलने वालों से सवाल किया कि आखिर वे इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। प्रदेश में समान शिक्षा की जरूरत पर बल देते हुए सीएम ने इसके लिये एबीवीपी से प्रस्ताव बनाने को कहा।

शिक्षा में विषमता दूर करना जरूरी

सीएम ने कहा कि आज ढेर सारी चुनौतियां सामने हैं। 1857 के बाद देश की एकता में सेंध लगाने का काम किया गया, उससे पहले देश देश की जाति के आधार पर बांटने का षडयंत्र हुआ। आज बहुत सारी चुनौतियां हमारे सामने हैं। आजादी के बाद से ही देश को जाति के आधार पर बांटने का षड्यंत्र हुआ, मगर इनका मुकाबला हम शिक्षा से कर सकते हैं। शिक्षा में समानता से देश की कई समस्याओं का समाधान संभव है। अल्पसंख्यक संस्थाओं को विशेष अधिकार दिये गए। इसके बाद जो स्थिति पैदा हुई, वह सबसे सामने है। आज बड़ी संख्या में अभिभावक फीस वृद्धि की शिकायत करते हैं, फीस की हालत है कि यह विकास दर से भी बहुत ऊंची है। जिनको अपने बच्चों को पढ़ाना है, उनकी जुबान बंद हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जवान और किसान का बच्चा उन विद्यालयों में पढ़ता है, जहां कोई बुनियादी सुविधा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले इसी दिशा में काम किया।

आरएसएस की तारीफ

सीएम ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने स्वामी विवेकानन्द को अपना आदर्श मानकर आजादी के बाद युवा शक्ति को नई ताकत देने काम किया। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि अगर किसी देश के भविष्य को देखना हो, तो वहां के छात्र-छात्राओं के क्रियाकलाप को देखकर देश के भविष्य का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। आरएसएस की प्रशंसा करते हुए सीएम ने कहा कि आजाद भारत में देश के युवा की दिशा क्या हो, उन दायित्वों का निर्वहन करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने यह सोच दी और एबीवीपी की स्थापना कर ऐसा छात्र संगठन दिया जिसमें अपनी मातृभूमि के लिये भाव जाग्रत हो। सीएम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि अगर मेरे साथ सौ युवा आ जाएं, जो राष्ट्र के प्रति सोच रखते हों तो हम देश को बदल सकते हैं। आज एबीवीपी स्वामी विवेकानंद की सोच के मुताबिक देश की संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन के 5 लाख सदस्य और 800 शाखाएं इस दिशा में काम कर रही हैं।

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एबीवीपी ने छात्रों को दी दिशा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक सोमवार से प्रारंभ होगी। इसके पहले रविवार को एबीवीपी ने विभिन्न आयामों की बैठक कर छात्रों को विषयवार दिशा दी। एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। नागेश ठाकुर, राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिद्रे और राष्ट्रीय संगठन मंत्री जी.लक्ष्मण ने रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर में बैठक का उद्घाटन किया। एबीवीपी ने मेडिकल छात्रों के लिए मेडिविजन, आयुर्वेद छात्रों के लिए जिज्ञासा, विद्यार्थियों के विकास के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्य, राज्य विश्वविद्यालय कार्य सांस्कृतिक समूहों की बैठक की। महामंत्री विनय बिद्रे ने कहा कि आज एबीवीपी विद्यार्थियों के बीच सबसे लोकप्रिय छात्र संगठन है। इसीलिए सभी विषयों और रुचियों के छात्र हमसे जुड़ रहे हैं। विभिन्न आयाम ऐसे सभी छात्रों के लिए अपने रुचि व कार्य क्षेत्र में कार्य करते हुए राष्ट्रवादी विचार के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी साकेत बहुगुणा समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

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'देश के खिलाफ सजिश करने वालों को करेंगे बेनकाब'

एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश ठाकुर ने कहा कि देश के खिलाफ कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। एबीवीपी ऐसे लोगों को बेनकाब करने की कोशिश में जुटी है। उन्होंने कहा कि सुकमा नक्सली हमला चिंता का विषय है। केरल, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रवादियों के साथ हिंसा का परिषद मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ। अंबेडकर से भी परिषद को लोग प्रेरणा लेते हैं। एबीवीपी ने युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा दी है। सस्ती, सुलभ, गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिये विद्यार्थी परिषद संघर्ष कर रहा है। इस मौके पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। एसपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ। राकेश द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।