-संस्कृत यूनिवर्सिटी में आचार्य में अब छह-छह महीने पर एग्जाम

- करेंट सेशन से लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम, टीचर्स में बनी सहमति

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के आचार्य में आखिर सेमेस्टर सिस्टम लागू करने पर टीचर्स के बीच सहमति बन ही गई है। इसके लिए यूनिवर्सिटी में सिलेबस भी बना लिया गया है। सेमेस्टर सिस्टम करेंट सेशन से ही प्रभाव में आ गया है। हालांकि इसके दो फेज में लागू करने का डिसीजन लिया गया है। ताकि स्टूडेंट्स को कोई प्रॉब्लम न हो।

तीन साल से हो रहा था मंथन

यूजीसी के निर्देश पर डिस्ट्रिक्ट के सभी यूनिवर्सिटीज में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जा चुका है। काशी विद्यापीठ के पीजी में जहां ख्0क्फ्-क्ब् से ही सेमेस्टर सिस्टम लागू है, वहीं प्रोफेशनल कोर्सेज में और पहले से इफेक्टेड है। जबकि संस्कृत यूनिवर्सिटी में पिछले तीन सालों से आचार्य में एग्जाम की यह नयी व्यवस्था लागू करने के लिए मंथन चल रहा था, लेकिन आम सहमति न बन पाने के कारण लागू नहीं हो पा रहा था। हेड की हरी झंडी मिलने के बाद सेमेस्टर को लेकर रोड़ा खत्म हो गया है। यूनिवर्सिटी में करेंट सेशन से ही इसे लागू किया जाएगा। इसके लिए कोर्सेज को डिवाइड भी कर लिया गया है। ऐसे में अब आचार्य के स्टूडेंट्स को साल में दो बार एग्जाम देना होगा।

कमेटी करेगी डिसाइड

यूनिवर्सिटी के आचार्य में सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने के लिए वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे ने प्रो। राम किशोर त्रिपाठी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें परीक्षा नियंत्रक प्रो। राजनाथ संयोजक, प्रो। पीएन सिंह, प्रो। विनिता सिंह, प्रो। हेतराम कछवाह मेंबर बनाए गए हैं।

फीस होगी डबल

सेमेस्टर सिस्टम के तहत साल में दो बार एग्जाम होने के कारण स्टूडेंट्स को साल में दो बार फीस देना होगा। ऐसे में एग्जाम फीस डबल हो जाएगा। इससे उन स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम होगा जो गरीब हैं।

फेल होने पर नहीं रुकेगा एडमिशन

सेमेस्टर सिस्टम में फेल होने के बावजूद स्टूडेंट्स को नेक्स्ट सेमेस्टर में एडमिशन का प्रावधान होता है। ऐसे में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने पर स्टूडेंट्स की टेंशन कम होगी। इस तरह फेल होने वाले स्टूडेंट एक साथ दो सेमेस्टर का एग्जाम दे सकते हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी के लिए सेमेस्टर सिस्टम किसी चैलेंज से कम नहीं होगा। बता दें कि शास्त्री-आचार्य एनुअल एग्जाम का रिजल्ट अब तक नहीं जारी किया जा सका है। ऐसे में टाइम से साल में दो बार एग्जाम कराना व रिजल्ट जारी करना यूनिवर्सिटी के लिए बहुत चुनौती भरा होगा।