स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन की परीक्षायें दे रही गवाही

कुल आवेदनो में 50 फीसदी की ओर बढ़े लड़कियों के कदम

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: यूं तो महिलायें हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं। लेकिन अगर बात सरकारी नौकरियों की करी जाये तो इस क्षेत्र में भी महिलाओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है। इसका बड़ा एग्जाम्पल स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) की परीक्षायें हैं। जिनमें परीक्षा दर परीक्षा आधी आबादी की धमक महसूस की जा सकती है। हालांकि, अभी लड़कों को लड़कियों की संख्या से घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं। उससे यह स्पष्ट है कि वह दिन दूर नहीं जब भर्ती परीक्षाओं में लड़कियों की संख्या लड़कों को क्रास कर जायेगी।

यूपी-बिहार से ही दो लाख के पार

गौरतलब है कि साल 2017 की कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा के लिये रिकार्ड 29,40,560 आवेदन देशभर से हुये हैं। इसमें यूपी और बिहार की परीक्षा करवाने वाले सेंट्रल रीजन इलाहाबाद से 7,06,103 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जिसमें पुरूष अभ्यर्थियों की संख्या 5,03469 है तो वहीं महिला अभ्यर्थियों की तादात भी 2,02634 तक पहुंच गई है यानि की यूपी और बिहार से होने वाले आवेदनो में महिलाओं के प्रतिभाग का प्रतिशत 28.69 प्रतिशत तक है।

बड़ी परीक्षाओं में सीधे टक्कर

देशभर में आयोजित होने वाली एसएससी की साल 2015 और 2016 की कुछ परीक्षाओं पर नजर दौड़ायें तो साफ है कि किसी भी परीक्षा में महिलाओं की संख्या लाख से नीचे नहीं है। यही नहीं छात्र संख्या के लिहाज से एसएससी की कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल, कम्बाइंड हायर सेकेंडरी लेवल और स्टेनोग्राफर ग्रेड सी एंड डी एग्जाम में लड़कियों की संख्या लड़कों को सीधे तौर पर टक्कर देती नजर आ रही है। इन परीक्षाओं में शामिल कुल परीक्षार्थियों में महिलाओं की संख्या 35 से 42 फीसदी तक जा पहुंची है।

डेढ़ करोड़ में 50 लाख के पार

वहीं लड़कियों के बढ़ते प्रभाव को ऐसे भी समझा जा सकता है। नीचे दर्शायी गई साल 2015 और 2016 की परीक्षाओं का जोड़ देखें तो इसमें शामिल महिला और पुरूष की कुल संख्या 01 करोड़ 48 लाख 27 हजार 504 है। इसमें से महिलाओं की संख्या 53,18,693 यानि की परीक्षार्थियों की कुल संख्या का 35.87 फीसदी तक है। मतलब साफ है कि कुछ चुनिंदा परीक्षाओं में महिला परीक्षार्थी जहां ओवरआल पार्टिसिपेशन के 50 फीसदी की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं ओवरआल सिचुवेशन में भी वे ज्यादा पीछे नहीं हैं।

परीक्षा में महिलाएं

------------

एसआई इन दिल्ली पुलिस, सीएपीएफएस एंड एएसआई इन सीआईएसएफ एग्जाम 2015

कुल परीक्षार्थी- 10,0000,1

महिलाओं की संख्या- 1,37,081

कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम 2015

कुल परीक्षार्थी- 23,71,275

महिलाओं की संख्या- 9,78,217

कम्बाइंड हायर सेकेंडरी लेवल एग्जाम 2015

कुल परीक्षार्थी- 55,08,680

महिलाओं की संख्या- 23,87,098

जूनियर इंजीनियर एग्जाम 2015

कुल परीक्षार्थी - 6,84,109

महिलाओं की संख्या- 1,15,267

स्टेनोग्राफर ग्रेड सी एंड एग्जाम 2015

कुल परीक्षार्थी- 6,35,468

महिलाओं की संख्या- 2,38,042

कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम 2016

कुल परीक्षार्थी- 38,03748

महिलाओं की संख्या- 13,33,742

एसआई इन दिल्ली पुलिस, सीएपीएफएस एंड एएसआई इन सीआईएसएफ एग्जाम 2016

कुल परीक्षार्थी- 6,94,227

महिलाओं की संख्या- 1,18,923

(नोट- ऊपर दिये गये आंकड़े एसएससी नई दिल्ली द्वारा आयोजित ऑल इंडिया लेवल की परीक्षाओं में आये कुल आवेदनो और उनमें शामिल महिलाओं के हैं.)

महिलाओं का जॉब में ज्यादा रुचि दिखाना संकेत है कि वह सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि कॅरियर बनाने में भी रुचि रखती हैं।

एके अत्री

एक्सपर्ट

पढ़ाई कर रही हैं तो फिर जॉब करने में क्या दिक्कत है। यह तो अच्छी बात है कि अब वह इसके महत्व को समझने लगी हैं।

संध्या श्रीवास्तव

प्रतियोगी छात्रा

महिलाएं जॉब में रहेंगी तो वह घर की भी मदद कर सकेंगी। पैरेंट्स ने पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया है तो हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके सपनो को पूरा करें।

सुमन मौर्या

प्रतियोगी छात्रा

इलाहाबाद की रहने वाली सौम्या ने यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल करके हम सब में जोश भरा है। इससे हमारी सोच भी पॉजिटिव हुई है और जॉब के प्रति अट्रैक्शन भी बढ़ा है।

संजीता शुक्ला

प्रतियोगी छात्रा

इलाहाबाद कॉलिंग

आपको भी इस पर कुछ कहना है तो अपने विचार हमें सेंड करें।

2द्धड्डह्लह्यड्डश्चश्च

9839333301

8933868462