स्लग: थर्ड व फोर्थ ग्रेड के करीब 150 पोस्ट खाली, इन्क्वायरी काउंटर बंद

-यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने जेएसएससी व सरकार पर फोड़ा बहाली नहीं होने का ठीकरा

-रिजल्ट आने के 15 दिन बाद भी विभाग में नहीं पहुंच पा रही क्रॉसलिस्ट

RANCHI (29 July): रांची यूनिवर्सिटी टीचर्स की कमी से तो जूझ ही रहा है, यहां थर्ड और फोर्थ ग्रेड के लगभग क्भ्0 पद भी खाली हैं। इसका असर यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों और पीजी डिपार्टमेंटस में पढ़ रहे करीब एक लाख स्टूडेंटस पर पड़ रहा है। कर्मचारियों की कमी के कारण यूनिवर्सिटी का सेशन भी लगभग छह महीने लेट चल रहा है।

न डिग्री मिल रही न मा‌र्क्सशीट

कर्मचारियों की कमी के कारण यहां से पासआउट स्टूडेंट को न तो समय पर डिग्री मिलती है न मा‌र्क्स शीट। रांची यूनिवर्सिटी के पीजी छात्र संघ के अध्यक्ष तनुज खत्री ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के कारण स्टूडेंट को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिजल्ट प्रकाशित होने के पंद्रह दिन बाद विभागों में क्रॉसलिस्ट जाता है और इन सबका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता है। कर्मचारियों की कमी के कारण यूनिवर्सिटी मुख्यालय में छात्रों की सहूलियत के लिए बनाया गया पूछताछ केंद्र भी बंद रहता है। नतीजा स्टूडेंट्स परेशान होते रहते हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण यूनिवर्सिटी का सत्र ख्0क्म्-क्8 का सेशन करीब छह महीने लेट चल रहा है।

बहाली पर रोक है

इस संबंध में रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि यूनिवर्सिटी में फोर्थ ग्रेड पदों पर सरकार के स्तर से बहाली पर रोक है। वहीं थर्ड ग्रेड के पदों पर बहाली कर्मचारी चयन आयोग के स्तर से की जायेगी। इधर, प्रोवीसी डॉ कामिनी कुमार ने बताया कि हमारे पास कर्मचारियों की बहाली का अधिकार नहीं है। कर्मचारियों की बहाली कर्मचारी चयन आयोग ही करेगा।

वर्जन

यूनिवर्सिटी में फोर्थ ग्रेड की बहाली पर रोक है। थर्ड ग्रेड पर नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग करेगा। यह कार्य सरकार के स्तर से होना है।

-डॉ रमेश कुमार पांडेय, वीसी आरयू

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यूनिवर्सिटी में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर नियुक्ति होती तो यहां के स्टूडेंट को नौकरी मिलती और यहां काम भी बेहतर होता। पर सरकार की लापरवाही का खामियाजा स्टूडेंट्स भुगत रहे हैं.

-तनुज खत्री, अध्यक्ष, आरयू पीजी छात्र संघ