-जेल में बंद बाहुबली समेत शातिरों पर चुनाव आयोग की नजर टेढ़ी हुई

-चुनाव के दौरान वोटर को प्रभावित करने वाले बंदियों को चिंहित किया जा रहा

-आयोग के आदेश पर जेल प्रशासन इन बंदियों की लिस्ट बना रहा है

KANPUR : जेल की सलाखों में बंद रहने के बाद भी चुनाव में बिसात बिछाने वाले बाहुबली समेत समेत अन्य शातिरों पर चुनाव आयोग की नजर टेढ़ी हो गई है। इस बार विधानसभा चुनाव में वे कोई गड़बड़ी न करें, इसके लिए चुनाव आयोग ने पहले से ही उन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। चुनाव आयोग ने जेल प्रशासन को इन बंदियों को चिंहित कर उनकी लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, ताकि उन पर चुनाव के दौरान नजर रखी जाए। इसके अलावा आयोग ने उन बंदियों को भी चिंहित करने का आदेश दिया है जो चुनाव के दौरान या तो जमानत करवाकर जेल से बाहर आ जाते हैं या फिर जमानत कटवाकर जेल चले जाते हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो जेल प्रशासन एक से दो दिन में लिस्ट बनवाकर आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा, ताकि वे उन पर नकेल कसने के लिए जरूरी कदम उठा सकें।

इस तरह चुनाव में 'खेल' करते हैं

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दबंग और अपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में आ जाते हैं। वे चुनाव में वोटरों पर दबाव बनाने के लिए जेल में बंद बाहुबली समेत अन्य साथियों की जमानत करवा लेते हैं। जेल से बाहर निकलते ही ये लोग वोटरों पर दबाव बनाने के लिए माहौल बिगाड़ने लगते हैं। वहीं, कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग पुलिस से बचने के लिए खुद तो जमानत कटवाकर जेल चले जाते हैं। इसके बाद वे जेल से वोटरों को धमकाने के लिए गुर्गो को ऑपरेट करते हैं। वे कोर्ट में पेशी और जेल में मिलाई के दौरान गुर्गो को निर्देश देते हैं। इसके अलावा वे बंदी रक्षकों समेत अन्य जरिए से गुर्गो को मैसेज भेजकर चुनाव का माहौल खराब करते हैं।

इस तरह लगाम लगाई जाएगी

चुनाव आयोग ने इन शातिरों पर लगाम लगाने के लिए पूरा होमवर्क कर लिया है। चुनाव के दौरान इन बंदियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। साथ ही इनसे मिलाई करने वालों का भी ब्यौरा जुटाया जाएगा। ताकि कोई भी गड़बड़ी होने पर उनकी धरपकड़ की जा सके। इसके अलावा चुनाव के दौरान इन बंदियों की बैरक भी बदलवा दी जाएगी। वहीं, कोर्ट में पेशी के दौरान इन बंदियों पर नजर रखने के लिए खुफिया को लगाया जाएगा।

------------------

चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक बंदियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही आयोग को भेजी दी जाएगी।

-वीके मिश्रा, जेल सुप्रिटेंडेंट

------------------

इस तरह बंदियों की ब्यौरा जुटाया रहा

- चुनाव के दौरान बंद होने वाले शातिर

- पूर्व चुनाव के दौरान बेल पर छूटने वाले शातिर

- राजनीतिक मुकदमें में बंद दबंग

- पूर्व चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने वाले शातिर