Mawana : बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने दायित्वों का किस तरह निर्वाह कर रहे इसका अंदाजा नगर में झरोखेदार खंडहर भवन में चल रहे प्राथमिक विद्यालय को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। इस विद्यालय पर अपना भवन नही है। किराए के भवन में चले झरोखेदार खंडहर भवन में बच्चे कड़ाके की ठंड में शिक्षा पाने को मजबूर हो रहे है। किसी के तन पर स्वेटर है तो किसी के तन पर कमीज, फर फराती सर्द हवा लगने पर बच्चे सिहर उठते हैं। बरबस ही कह उठते हैं साहब ऐसे में ठंड लगती है पढ़े क्या खाक? सरकार के शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने की योजना ऐसे खंडहर विद्यालय में दम तोड़ रही है। उनके अधिकारी ही सरकारी योजना व उनके दावों को खोखला साबित करने में लगे हैं।

नगर में बेसिक शिक्षा परिषद के क्ब् प्राथमिक व तीन जूनियर स्कूल हैं। इनमें किला बस स्टैंड के पास स्थित प्राथिमक पाठशाला नंबर ख्, गुड़मंडी में स्थित प्राथमिक पाठशाला नंबर फ् तथा मोहल्ला तिहाई में होली चौक के पास स्थित प्राथमिक पाठशाला नंबर ब् भवन हीन है। इन स्कूलों पर अपना भवन नही होने के कारण ये वर्षों किराए के भवन में चल रहे हैं। इनमें सबसे दयनीय हालत प्राथमिक पाठशाला नंबर ब् की है। झरोखेदार इस खंडहर भवन में पढ़ने वाल“ बच्चों को बरसात व कड़ाके की सर्दी में बड़ी मुसीबत उठानी पड़ती है। ठंड अपना असर दिखा रही है। ठंडी हवाओं के थपेड़े इन नौनिहालों को झेलने पड़ रहे हैं। दैनिक जागरण एक मर्तबा नही बल्कि कईबार इन बदहाल स्कूलों की समस्या का समाचार सचित्र प्रकाशित कर चुका है। इस स्कूल के इंचार्ज अध्यापक इश्त्खार कां का कहना है कि इस बाबत वह अपने अफसरों को अवगत करा चुके हैं। बरसात में बादल उमड़ते देख स्कूल की छुट्टी करनी पढ़ती है। र्सिदयों जहां लोग घरों कैद रहने को मजबूर होते हैं, वही“ बच्चे झरोखेदार खंडहर स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं। आíथक स्थिती उनकी ऐसी नही कि वे भी इंग्लिश स्कूल में पढ़ सके।

कुल मिलाकर ऐसे स्कूलों का भगवान ही मालिक है। विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान नही है। वे सिर्फ ही जवाब देते हैं कि स्कूल के लिए जगह नही है। अधिकारियों को अगवत करा रखा है, मगर कोई कार्रवाई नही हुई।